मनोज झा हत्याकांड: पुलिस ने 5 अपराधियों को किया गिरफ्तार, सरगना अब भी गिरफ्त से बाहर

Tuesday, Aug 03, 2021-03:48 PM (IST)

रांचीः झारखंड की राजधानी रांची के तमाड़ थाना क्षेत्र में अपराधियों ने सिविल कोर्ट के अधिवक्ता मनोज झा को 27 जुलाई को गोलियों से छलनी कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में एसआईटी गठन कर मामले की जांच की और पुलिस ने इस मामलें में कुल पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपी का नाम शकील अंसारी, संजीत मांझी, सोनू अंसारी, रिजवान अंसारी और मुन्ना अंसारी को धर दबोचा है। गिरफ्तार सभी आरोपियों ने कांड में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। गिरफ्तार आरोपी ने पुलिस को बताया कि जमीन विवाद में अधिवक्ता मनोज झा की हत्या की गई थी। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार नौ एकड़ जमीन को लेकर काफी लंबे समय से विवाद चल रहा था। सरगना अफसर उर्फ लंगड़ा ने विवादित जमीन पर अपना नौ एक़ड़ बता रहा था और उसी विवादित जमीन को लेकर काफी लंबे समय से विवाद चल रहा था। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल एक हथियार, एक बाइक, एक फॉर व्हीलर और 6 मोबाइल को जब्त किया है।

बता दें कि 26 जुलाई को जमीन विवाद में रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता और चर्च रोड निवासी मनोज कुमार झा (59 वर्षीय) की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। अधिवक्ता मनोज झा जेवियर संस्था के लीगल एडवाइजर थे। वह संस्था की 14 एकड़ जमीन पर बन रहे स्कूल का निर्माण कार्य देखने शाम करीब चार बजे अपनी कार से रड़गांव गये थे। मनोज झा जैसे ही निर्माण स्थल पर पहुंचे कि तभी दो बाइक से पांच अपराधी वहां पहुंचे और सबसे पहले चालक की कनपटी पर पिस्टल सटा कार की चाबी छीन ली थी। इसके बाद कार में बैठे अधिवक्ता मनोज झा को गोलियों से छलनी कर दिया था। जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गयी थी। घटना को अंजाम देकर सभी अपराधी हाइवे की ओर भाग गये थे।

घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, बुंडू एसडीपीओ अजय कुमार और तमाड़ थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंचे थे। पुलिस ने घटनास्थल से पांच खोखा और तीन गोलियां बरामद कीं थी। जमीन विवाद में जेवियर स्कूल प्रबंधन के पक्ष में फैसला आया था। इस संबंध में बुंडू एसडीपीओ अजय कुमार ने बताया था कि जिस जमीन पर स्कूल का निर्माण कार्य हो रहा था, उसे जेवियर स्कूल प्रबंधन ने वर्ष 2007 में शेख रजा के वंशजों से खरीदा था। इस मामले में एक पक्ष कोर्ट गया था, वहीं कुछ दिन पहले ही कोर्ट का फैसला जेवियर स्कूल प्रबंधन के पक्ष में आया था। इसके बाद उस पर निर्माण कार्य चल रहा था।


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Diksha kanojia

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