Kartik Purnima 2025: 4 या 5 नवंबर, कब है कार्तिक पूर्णिमा? यहां जानें गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का शुभ मुहूर्त
Monday, Nov 03, 2025-04:37 PM (IST)
Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं कि इस दिन दान-स्नान करने वालों पर भगवान की विशेष कृपा रहती है। कार्तिक पूर्णिमा पर ही देव दिवाली का भी पर्व मनाया जाता है। ऐसा कहते हैं कि देव दिवाली पर देव लेक से देवी-देवता धरती पर दिवाली मनाने काशी के घाट आते हैं। आइए जानते हैं कि इस साल कार्तिक पूर्णिमा किस दिन मनाई जाएगी और इस दिन पूजा-पाठ के लिए क्या शुभ मुहूर्त रहने वाला है।
इस शुभ घड़ी में गरीब और जरूरतमंद लोगों को करें दान
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर 4 को रात 10 बजकर 36 मिनट से लेकर 5 नवंबर को शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहने वाली है। उदिया तिथि के कारण कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को मनाई जाएगी। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का शुभ मुहूर्त सुबह 04 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 44 मिनट तक रहने वाला है। इस शुभ घड़ी में आप गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करें। इसके बाद सुबह की पूजा का मुहूर्त सुबह 07.58 बजे से सुबह 09.20 बजे तक रहेगा जबकि शाम को प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम 05.15 बजे से शाम 07:05 बजे तक रहेगा।
घर में सत्यनारायण कथा का पाठ करें
यदि आपने व्रत रखा है तो आप जलाहार और फलाहार ये व्रत रख सकते हैं। व्रत का संकल्प लेकर सुबह के मुहूर्त में भगवान गणेश की पूजा करें। फिर शिव-पार्वती की षोडशोपचार विधि से पूजा करें। इसके बाद विष्णु-लक्ष्मी की विधिवत उपासना करें। घर में सत्यनारायण कथा का पाठ करें। इसके बाद घर के कुछ प्रमुख स्थानों पर दीपक जरूर जलाएं। मुख्य द्वार पर पांच दीपक जलाएं। एक-एक दीपक तुलसी, घर की उत्तर दिशा, भगवान के मंदिर और पानी के नल के पास जरूर जलाएं।
गंगा स्नान करने से सभी पापों का हो जाता है नाश
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान किया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का महत्व धर्म शास्त्रों में मिलता है। इस दिन गंगा स्नान करना बहुत पुण्यदायी माना गया है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। आत्मा शुद्ध हो जाती है और मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर हो जाती है। यह दिन आत्मशुद्धि, मोक्ष और ईश्वरीय कृपा पाने का होता है। इस स्नान से जीवन में शुभता आती है।
घर में गंगाजल का छिड़काव करें
मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में गंगा, यमुना, गोदावरी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान करें। इस दिन स्नान करने आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। शांति, संतुलन और भक्ति की भावना पैदा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु मत्स्य रूप में अवतरित हुए थे। मत्स्य अवतार विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में पहला है। इसलिए कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा, व्रत और गंगा स्नान का विशेष महत्व है। घर में गंगाजल का छिड़काव करें।

