कोई हमारी धरती पर आतंकवाद को बढ़ावा देगा तो परिणाम 'ऑपरेशन सिंदूर' से अधिक गंभीर होंगे: ओम बिरला

Monday, May 26, 2025-10:37 AM (IST)

रांची/जमशेदपुर: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बीते रविवार को कहा कि अगर कोई भारतीय जमीन पर आतंकवाद को बढ़ावा देगा तो ‘‘ऑपरेशन सिंदूर से भी अधिक गंभीर परिणाम होंगे।'' सीमा पार आतंकी ठिकानों को दक्षतापूर्ण तरीके से तबाह करने के लिए भारतीय सेना की वीरता और साहस की प्रशंसा करते हुए बिरला ने कहा कि भारत न केवल अपनी रक्षा करेगा बल्कि आतंकवाद का सफाया करने के लिए नई नीतियों और कार्यक्रमों को भी लागू करेगा। जमशेदपुर में ‘सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री' (एससीसीआई) के कौस्तुभ जयंती (75वीं वर्षगांठ) समारोह के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से दुनिया में कहीं भी आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने का आह्वान किया है ताकि इस खतरे को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने यह साबित कर दिया है कि अगर कोई देश हमारे क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो उसके परिणाम ‘ऑपरेशन सिंदूर' से भी अधिक गंभीर होंगे।''

"हमारे पास क्षमता और युवा एवं कुशल मानव संसाधन हैं"
‘ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सेना की सफलता के लिए स्वदेशी रक्षा उद्योग की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत पहले तकनीकी, उद्यमिता और कौशल की कमी के कारण रक्षा उपकरण आयात करता था, लेकिन पिछले एक दशक में देश धीरे-धीरे न केवल आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि रक्षा उपकरणों के निर्यात में भी विश्व में अग्रणी बनने की कगार पर है। बिरला ने कहा, ‘‘मोदी जी ने घरेलू उद्योगों को नयी दिशा दी है। उन्होंने आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर बल दिया है।'' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मौजूदा प्रतिस्पर्धी विश्व परिदृश्य के बावजूद भारत अवसरों की भूमि है। उन्होंने कहा कि देश में अपनी बौद्धिक क्षमता और नवीन विचारों, प्रौद्योगिकी और युवा एवं कुशल मानव संसाधनों के साथ दुनिया का नेतृत्व करने की पर्याप्त क्षमता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास क्षमता और युवा एवं कुशल मानव संसाधन हैं, जिसकी दुनिया में कमी है।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘जापान और रूस जैसे विकसित देश यह मानकर हमारे देश में आते हैं कि भारत के पास विशाल बौद्धिक ज्ञान और नवीन विचार हैं।'' उन्होंने कहा कि दुनिया के बड़े उद्योग भारत की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उचित सुधार लाने और उद्योग-अनुकूल नीतियों को लागू करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम तेजी से बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए उद्योग-अनुकूल नीतियों को बनाना जारी रखते हैं, तो देश का सामाजिक-आर्थिक विकास गति पकड़ेगा।'' विकसित देशों में प्रगति का श्रेय भारतीय प्रतिभा को देते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल प्रौद्योगिकी, सेवा और पेशेवर क्षेत्रों में बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया है, जबकि कई वैश्विक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारतीय हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास नेतृत्व करने की पर्याप्त क्षमता है, लेकिन हमें अपनी क्षमता का अधिकतम उपयोग करने की आवश्यकता है... भारत अवसरों की भूमि है और यहां तेजी से विकास की संभावनाएं हैं। साथ ही, यदि हम विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हैं, तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।''

"देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा"
बिरला ने अब तक दोहन नहीं किए गए क्षेत्रों का लाभ उठाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) को अनुसंधान केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। जमशेदपुर के वन क्षेत्र में एक सदी पहले देश का पहला इस्पात संयंत्र स्थापित करने के लिए टाटा स्टील के संस्थापक जे एन टाटा की सराहना करते हुए बिरला ने कहा कि उन्होंने न केवल एक इस्पात संयंत्र स्थापित किया, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित किया। इस अवसर पर बिरला के अलावा केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और भाजपा सांसद विद्युत बरन महतो भी मौजूद थे। इस बीच, रविवार शाम रांची के डांगराटोली स्थित स्वर्ण भूमि में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों द्वारा बिरला का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर बिरला ने कहा, ‘‘देश विकसित भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है और सभी के सामूहिक प्रयासों से हम इसे 2047 तक हासिल कर लेंगे।'' उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत का प्रभाव और विश्वसनीयता बढ़ी है और देश आर्थिक, तकनीकी और नवाचार सहित हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि झारखंड को कभी अविकसित राज्य कहा जाता था, लेकिन आज यह सड़क, रेल और हवाई संपर्क के विस्तार के कारण तेजी से प्रगति कर रहा है।

बिरला दिन में इसके पहले दो दिवसीय झारखंड दौरे के तहत रांची पहुंचे और और पुरानी सेंट्रल जेल स्थित बिरसा मुंडा स्मारक पार्क सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय में आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 25 फुट ऊंची प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। बिरसा मुंडा ने नौ जून, 1900 को यहीं अंतिम सांस ली थी। बिरला ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, "यह देश के लिए भगवान बिरसा के बलिदान को दर्शाता है। उलगुलान के प्रणेता, धरती आबा भगवान बिरसा का जीवन प्रेरणा का स्रोत है।" झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सुबह रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर बिरला का स्वागत किया। बिरला ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं बिरसा मुंडा की धरती को नमन करता हूं। यह वीरता, आदिवासी संस्कृति, मूल्यों और परंपराओं की धरती है। झारखंड अपने आदिवासी समुदायों की संस्कृति को संरक्षित करते हुए आधुनिक विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यह धरती हम सभी के लिए प्रेरणा है।''


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Khushi

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