कश्मीर अगर आज भारत का हिस्सा है तो उसके पीछे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का संघर्ष और बलिदान है: दीपक प्रकाश

7/7/2022 1:05:46 PM

 

रांचीः डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर आज यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में उनकी प्रतिमा एवं चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की गई तथा इस अवसर पर देश एवं संगठन के लिए उनके योगदान एवं बलिदान पर चर्चा की गई।

इस मौके पर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष, महान शिक्षाविद्, स्वतंत्रता सेनानी, वरीष्ठ समाजसेवी एवं महान देशभक्त थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा है तो उसके पीछे डॉ मुखर्जी का संघर्ष और बलिदान है। प्रकाश ने कहा कि उन्होंने आजाद भारत में नारा दिया था कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे एवं इस नारे को साकार करने के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने पूरा करते हुए धारा 370 एवं 35 को हटाने का काम किया है।

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रखर राष्ट्रवादी, एवं सिद्धांतवादी नेता थे। मरांडी ने कहा कि 33 वर्ष की अल्पायु में वे कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गये थे।उन्होंने कहा कि 1950 में भारत की दशा दयनीय थी जिसे देखकर डॉ मुखर्जी बहुत दुखी थे। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उस समय तत्कालीन भारत सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर संसद में विरोधी पक्ष की भुमिका निभाने लगे और कश्मीर का भारत में विलय के लिए प्रयत्न प्रारंभ कर दिया।

प्रदेश भाजपा संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रदेश कार्यालय में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा एवं चित्र पर पुष्पांजलि कर अपनी श्रद्धासुमन अर्पित की एवं कहा कि देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपना श्रेष्ठ बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि डॉ मुखर्जी की प्रेरणा से ही आज भारतीय जनता पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता राष्ट्रवाद की अलख जगाते हुए अखंड भारत के सपने संजोने में निरंतर अपनी भुमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री सह सांसद आदित्य साहु, डॉ प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय, वरीष्ठ नेता राकेश प्रसाद, हेमंत दास, सूरज चौरसिया, अविनेश सिंह, पंकज सिन्हा, आरती कुजूर,अशोक बड़ाईक, रंजीत चंद्रवंशी, संजय जयसवाल, लक्ष्मी कुमारी, सीमा सिंह, सुनील साहू, सोनी हेम्ब्रम आदि उपस्थित रहे।


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Diksha kanojia

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