"आदिवासी CM के रहते झारखंड का आदिवासी समाज अपने हक व अधिकार पेसा से वंचित", रघुवर दास का हेमंत सोरेन पर हमला
Thursday, Sep 11, 2025-02:06 PM (IST)

रांची: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधते हुए राज्य सरकार से अविलंब निकाय चुनाव कराने और पेसा कानून को कैबिनेट में पारित कर लागू करने की मांग की।
दास ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत का संविधान आदिवासी, दलित, वंचित, शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है, लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस झामुमो की सरकार आज राज्य के आदिवासियों, पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। भाजपा की सरकार ने राज्य में पेसा कानून लागू करने की दिशा में सार्थक पहल किए थे। प्रक्रिया आगे बढ़ी। भाजपा सरकार के बाद हेमंत सरकार ने विभागों से प्राप्त गंतव्य विधि विभाग में भेजा। आगे महाधिवक्ता ने कैबिनेट में ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया, लेकिन मंशा साफ नहीं होने के कारण यह सरकार इसे लटका भटका रही है।
दास ने कहा कि पेसा कानून अधिसूचित क्षेत्र की रूढ़िवादी ग्राम सभा को लघु खनिज, बालू, पत्थर के उत्खनन, नीलामी, तालाबों में मछली पालन, केंदू पत्ता, आदि के प्रबंधन का अधिकार देती है। यही कारण है कि हाईकोर्ट ने भी इसी भावना के मद्देनजर बालू घाट नीलामी पर निर्देश दिए हैं। उन्होंने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इस रोक को तब तक जारी रखने का आग्रह किया जब तक राज्य में पेसा कानून लागू नहीं हो जाए। उन्होंने कहा कि पेसा नियमावली लागू नहीं करने के पीछे सरकार का अपना निहित स्वार्थ है। हेमंत सरकार चाहती है कि राज्य के खनिज संसाधनों, बालू, पत्थर को बिचौलिए दलाल लूटते रहे और मुख्यमंत्री की तिजोरी भरते रहें। उन्होंने कहा कि आदिवासी मुख्य मंत्री के रहते झारखंड का आदिवासी समाज अपने हक और अधिकार पेसा से वंचित हैं।