रांची महिला महाविद्यालय में आयोजित करम पूजा महोत्सव में शामिल हुए CM हेमंत, राज्य वासियों के सुख-समृद्धि के लिए की कामना
Sunday, Sep 15, 2024-03:22 PM (IST)
रांची: आदिवासी समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में शामिल ‘करम' पर्व बीते शनिवार को झारखंड में पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया। इस पर्व को ‘करमा' के नाम से भी जाना जाता है। रांची महिला महाविद्यालय के साइंस ब्लॉक स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में आयोजित करम पूजा महोत्सव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अखरा में पूजा-अर्चना की तथा करम डाली को प्रणाम कर झारखंड वासियों की सुख, समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की। मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन ने आदिवासी पारंपरिक वाद्य मांदर भी बजाया। मौके पर विधायक कल्पना सोरेन ने उपस्थित सभी लोगों को प्राकृतिक पर्व करम पूजा महोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन ने कहा कि हम सभी का यह प्रयास होना चाहिए कि झारखंड की सभ्यता-संस्कृति सदैव आगे बढ़ती रहे। झारखंड के अंदर आदिवासियों की गूंज इतनी मजबूत हो कि सवा सौ करोड़ आबादी वाले इस देश में आदिवासी समुदाय की अलग पहचान बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आप सभी के सहयोग से इस परिसर में करम पूजा महोत्सव काफी उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी यह परिकल्पना है कि आदिवासी समुदायों के त्योहारों का एक अलग स्थान बने। त्योहारों की जिम्मेदारी हम सभी लोग अपने कंधों पर उठाएं और आने वाले पीढ़ी को भी अपनी सभ्यता-संस्कृति से जोड़ें।
बता दें कि आदिवासी समुदाय के लोग इस अवसर पर ‘करम' के पेड़ की पूजा करते हैं और प्रकृति से खरीफ के मौसम में अच्छी फसल होने की कामना करते हैं। आदिवासी समुदाय के लोग इस अवसर पर अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं और उन्हें फूल-पत्तियों से सजाते हैं। शाम में वे करम के पेड़ की पूजा करते हैं। साथ ही सभी लड़कियां और महिलाएं अपने भाइयों की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं।