Jharkhand News... BJP ने सूर्या हांसदा की मौत के मामले में CBI जांच की मांग को लेकर किया प्रदर्शन
Friday, Sep 12, 2025-04:06 PM (IST)

रांची/जमशेदपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड इकाई के सदस्यों ने राज्य के सभी जिला मुख्यालयों और 264 प्रखंडों में प्रदर्शन किया और कथित मुठभेड़ में सूर्या हांसदा की मौत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने यहां राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के विस्तार के लिए रांची के नगरी क्षेत्र में आदिवासी किसानों से ‘‘जबरन'' अधिग्रहित की गई जमीन वापस करने की भी मांग की। रांची में आक्रोश मार्च का नेतृत्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने किया। यह मार्च जिला स्कूल मैदान से जिला कलेक्ट्रेट तक निकाला गया जिसके बाद जनसभा आयोजित की गई। मरांडी ने कहा, "राज्य भर में दो अहम मुद्दों पर प्रदर्शन किया गया: सूर्या हांसदा की मुठभेड़ में मौत और रिम्स-2 परियोजना के नाम पर सरकार द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण। हम प्रखंड विकास अधिकारियों और उपायुक्तों के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भी सौंप रहे हैं।" कई आपराधिक मामलों में वांछित हांसदा को 10 अगस्त को देवघर के नावाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। जब पुलिस उन्हें छिपाकर रखे गए हथियार बरामद करने के लिए राहदबदिया पहाड़ियों पर ले जा रही थी तो एक कथित मुठभेड़ में उनकी मृत्यु हो गई। हांसदा ने कई विधानसभा चुनाव लड़े थे। हांसदा ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लिया और मौके से भागने की कोशिश करते हुए उन पर गोली चला दी। गोड्डा पुलिस ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें उनकी मौत हो गई।
मरांडी ने कहा, "हांसदा एक सामाजिक और राजनीतिक नेता थे। वे माफियाओं के खिलाफ मुखर थे। इसलिए, एक सुनियोजित साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई।" रांची के नगरी में एक अस्पताल परियोजना के लिए सरकार द्वारा भूमि के "जबरन" अधिग्रहण पर मरांडी ने कहा, "हम सरकार से आदिवासी किसानों को जमीन वापस करने की मांग करते हैं।" रांची के कांके प्रखंड में मार्च का नेतृत्व करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने कहा कि यह हेमंत सोरेन सरकार को चेतावनी देने के लिए एक सांकेतिक विरोध प्रदर्शन था। दास ने कहा, "अगर सरकार ने संज्ञान नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।" घाटशिला उप-मंडल में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की इस बात के लिए कड़ी आलोचना की कि जब "बाहरी लोग" राज्य में गरीब आदिवासियों से दान पत्र के माध्यम से जमीन हड़प रहे थे, तब सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। भाजपा के विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने आरोप लगाया कि भाजपा हांसदा के मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। झारखंड कांग्रेस महासचिव और मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने कहा, "भाजपा आपराधिक ताकतों को बढ़ावा देने के लिए सड़कों पर उतरी है। भाजपा के लिए अपराधी राज्य की जनता से ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। हांसदा से जुड़ी मुठभेड़ पुलिस कार्रवाई का एक हिस्सा थी। भाजपा लोगों में भ्रम पैदा करने के लिए इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।"