समस्तीपुर में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और मंत्री महेश्वर हजारी की प्रतिष्ठा दाव पर

11/5/2020 2:48:16 PM

 

समस्तीपुरः बिहार में तीसरे चरण में 7 नवंबर को हो रहे विधानसभा चुनाव में समाजवादियों की धरती समस्तीपुर जिले में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी और योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर और प्रिंस ऑफ पार्लियामेंट के नाम से चर्चित स्वर्गीय सत्यनारायण सिंह की जन्मभूमि समस्तीपुर जिले की 10 सीटो में से 5 सीट उजियारपुर, मोहिउद्दीननगर,विभूतिपुर, रोसड़ा (सु), एवं हसनपुर पर दूसरे चरण में 3 नवंबर को मतदान हो चुका है जबकि 5 अन्य सीट कल्याणपुर(सु.),वारिसनगर, समस्तीपुर, मोरवा और सरायरंजन सीट पर तीसरे चरण के तहत 7 नवम्बर को मतदान होना है। बिहार विधानसभा की हॉट सीट सरायरंजन पर सबकी निगाहें टिकीं हुई है। इस सीट पर बिहार विधान सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी जदयू के टिकट पर जीत की हैट्रिक लगाने के लिये चुनावी रणभूमि में उतरे हैं।

वहीं, उनके विजय रथ को रोकने के लिए महागठबंधन की ओर से राजद ने पहली बार चुनाव लड़ रहे अरबिंद कुमार सहनी को मैदान मे उतारा है। लोजपा के आभाष कुमार झा और रालोसपा की अनिता कुमारी भी चौधरी की जीत राह में रोड़ा डालने के लिये तैयार हैं। जदयू के चौधरी की सियासत में एंट्री पारिवारिक विरासत संभालने के लिए हुई थी। विजय कुमार चौधरी के पिता जगदीश प्रसाद चौधरी ने वर्ष 1990 में दलसिंहसराय सीट से जीत हासिल की थी। उनकी मौत के बाद चौधरी ने बैंक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा। विजय चौधरी ने वर्ष 1982 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट से जीत हासिल की। इसके बाद वह 1985 और 1990 में भी कांग्रेस के टिकट पर दलसिंहसराय के विधायक बने। सरायरंजन क्षेत्र मे हार-जीत का निर्णय जातीय समीकरणों के आधार पर होते रहे है। लेकिन इस बार क्षेत्र का विकास चुनावी मुद्दा बना हुआ है।

भूमिहार एवं ब्राह्मण बहुल्य इस क्षेत्र मे सहनी, यादव कुशवाहा, कुर्मी, मुस्लिम और महादलित आगे है। इस क्षेत्र मे मछली पालन भी काफी संख्या में लोग करते हैं। विद्यापतिनगर में विद्यापतिधाम प्रसिद्ध है। वर्ष 2015 में जदयू के चौधरी ने भाजपा के रंजीत निुर्गनी को 34 हजार 44 मतों कें अंतर से परास्त किया था। सरायरंजन में 11 प्रत्याशी चुनावी रण में उतरे हैं। कल्याणपुर (सुरक्षित) से बिहार के योजना एवं विकास मंत्री और निवर्तमान विधायक महेश्वर हजारी की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। जदयू प्रत्याशी हजारी के विरूद्ध महागठबंधन ने कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवाद (भाकपा-माले) प्रत्याशी रंजीत राम चुनौती बनकर उनके सामने खड़े हैं। लोजपा के सुंदेश्वर राम मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जदयू के हजारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास और खुद के कामकाज के आधार पर जनता से वोट मांग रहे। वहीं भाकपा-माले के रंजीत राम महागठबंधन की ताकत और पार्टी के जनाधार के बीच जनता से रिश्ता बनाने में जुटे हैं।

लोजपा के सुंदेश्वर राम क्षेत्र में किए गए कामकाज की दुहाई दे रहे हैं। महेश्वर हजारी ने वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर संसदीय सीट से चुनाव भी जीता था। वर्ष 2015 में जदयू के महेशवर हजारी ने पूर्व सांसद स्व. रामचंद्र पासवान के पुत्र लोजपा के प्रिंस राज (अभी समस्तीपुर सांसद) को 37 हजार 686 मतों के अंतर से पराजित किया था।
 


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Nitika

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