"भाजपा के अतीत से प्रेरणा लेकर लचीला रुख अपनाए विपक्ष", JDU ने शिमला में महाबैठक से पहले दी नसीहत

Monday, Jun 26, 2023-06:22 PM (IST)

 Patna: विपक्ष की महाबैठक जुलाई के दूसरे सप्ताह में शिमला में होनी है। वहीं, जदयू ने क्षेत्रीय दलों को नसीहत दी है। एकता के लिए सबसे ज्यादा प्रयासरत दिख रहे जदयू का मानना है कि क्षेत्रीय दल यदि इसी तरह अड़ंगा अटकाते रहे तो लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए के सामने टिक पाना आसान नहीं होगा।

"आज की स्थिति में पहुंचने के लिए भाजपा को कई दौर से गुजरना पड़ा है"
दरअसल, जदयू ने क्षेत्रीय दलों से भाजपा के अतीत से प्रेरणा लेकर लचीला रुख अपनाने की नसीहत दी है। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि आज की स्थिति में पहुंचने के लिए भाजपा को कई दौर से गुजरना पड़ा है। वक्त पड़ने पर उसने अपने प्रमुख मुद्दों को भी छोड़ने में हिचक नहीं दिखाई। चाहे अनुच्छेद-370 का मामला हो या राम मंदिर का। दोनों को हाशिये पर डालने से परहेज नहीं किया और जब बहुमत से सत्ता में लौटी तो अपने एजेंडे को आगे बढ़ाया। केसी त्यागी का कहना है कि यदि क्षेत्रीय दल मानते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है तो मतभेद भुलाकर साथ आना होगा और बड़ा दिल दिखाकर सीटों पर बात करनी होगी।

"क्षेत्रीय दलों को भी चाहिए कि बिहार की तरह अपने अहम को पीछे छोड़कर आगे बढ़ें"
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि लोहिया और दीनदयाल उपाध्याय के गैर कांग्रेसवाद आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश में चौधरी चरण सिंह और बिहार में महामाया प्रसाद की सरकार बनी थी। दोनों सरकारों में जनसंघ और कम्युनिस्ट साथ-साथ थे, जबकि दोनों में प्रबल शत्रुता थी। इसी तरह 1977 में इंदिरा गांधी की चुनौती का मुकाबला करने के लिए जनसंघ ने अपना विलय जनता पार्टी में कर दिया, जबकि संघ इसके पक्ष में नहीं था। उन्होंने कहा कि 1984 में जब भाजपा के सिर्फ 2 एमपी आए थे तो उसे वीपी सिंह के दौर में जनता दल की शर्तों पर भी कई समझौते करने पड़े थे। केसी त्यागी ने कहा कि यहां तक कि जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी और जार्ज फर्नांडीज को संयोजक बनाया गया तो उस वक्त भी भाजपा ने अपने कोर मुद्दे को दरकिनार कर दिया। इसलिए, क्षेत्रीय दलों को भी चाहिए कि बिहार की तरह अपने अहम को पीछे छोड़कर आगे बढ़ें।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकजुट होने के लिए बीती 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। सीएम नीतीश कुमार के आवास पर करीब पौने 4 घंटे तक विपक्ष की बैठक चली थी। विपक्षी बैठक में सीएम हेमंत सोरेन, नीतीश कुमार, ललन सिंह, संजय झा के अलावा कांग्रेस पार्टी से मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, आरजेडी से लालू यादव, तेजस्वी यादव, मनोज झा, एनसीपी से शरद पवार, सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल, सीपीएम से सीताराम येचुरी, सपा से अखिलेश यादव, शिवसेना यूबीटी से उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, संजय राउत, जेएमएम से हेमंत सोरेन, टीएमसी से ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, डीएमके से एमके स्टालिन, टीआर बालू, AAP से अरविंद केजरीवाल, भगवंत मान, संजय सिंह, राघव चड्ढा, पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, सीपीआई से डी राजा, सीपीआई एमएल से दीपांकर भट्टाचार्य समेत अन्य नेता मौजूद थे।
 


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Khushi

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