कोई नहीं चाहता देश का सोना गिरवी रखने वाली सरकार फिर कभी बनेः सुशील मोदी

2/23/2022 10:27:46 AM

 

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब देश में नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय नेतृत्व में मजबूत सरकार काम कर रही है तो कोई नहीं चाहेगा कि देश का सोना गिरवी रखने वाली सरकार फिर से कभी बने।

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ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव, उद्धव ठाकरे जैसे मुख्यमंत्रियों का प्रभाव केवल संबंधित राज्यों तक है, लेकिन ऐसे जिन लोगों की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा अचानक जगती है, वे कोई फ्रंट बनाने निकल पड़ते हैं। देश की जनता वीपी सिंह, चंद्रशेखर, देवगौड़ा, गुजराल तक विपक्षी फ्रंट की कई कमजोर सरकारों का हस्र देख चुकी है और उन्हें सिरे से नकार चुकी है।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 22 Feb 2022
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आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज बढती अर्थव्यवस्थाओं में है और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड वृद्धि हुई। दूसरी तरफ वह दिन याद है, जब चंद्रशेखर सरकार के समय देश को सोना लंदन में गिरवी रखना पड़ा था। ऐसे फ्रंट की कमजोर सरकारें नकारात्मकता से भरी होती हैं, इसलिए विकास और स्थिरता में बाधक ही साबित होती हैं।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 22 Feb 2022

सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ममता बनर्जी, चंद्रशेखर राव और उद्धव ठाकरे जैसे मुख्यमंत्रियों का प्रभाव केवल संबंधित राज्यों तक है, लेकिन ऐसे जिन लोगों की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा अचानक जगती है, वे कोई फ्रंट बनाने निकल पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता वीपी सिंह, चंद्रशेखर, देवगौड़ा, गुजराल तक विपक्षी फ्रंट की कई कमजोर सरकारों का हस्र देख चुकी है और उन्हें सिरे से नकार चुकी है। भाजपा सांसद ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में है और विदेशी मुद्रा भंडार में रिकार्ड वृद्धि हुई। दूसरी तरफ वह दिन याद है, जब चंद्रशेखर सरकार के समय देश को सोना लंदन में गिरवी रखना पड़ा था। उन्होंने कहा कि ऐसे फ्रंट की कमजोर सरकारें नकारात्मकता से भरी होती हैं, इसलिए विकास और स्थिरता में बाधक ही साबित होती हैं।

वहीं सुशील मोदी ने कहा,'ममता बनर्जी यदि तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव, केसीआर और उद्घव ठाकरे से हाथ मिला कर प्रधानमंत्री मोदी के लोकप्रिय नेतृत्व, केंद्र की मजबूत सरकार और समर्पित काडर वाली भाजपा को चुनौती देना चाहती हैं, तो वे कभी कामयाब नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि विडम्बना यह है कि ये क्षेत्रीय दल कांग्रेस को छोड़ कर फ्रंट बनाना चाहते हैं, जबकि इनमें से अधिकतर कांग्रेस से निकले हैं और उसी की तरह परिवारवादी हैं। ऐसे जिन लोगों का कोई राष्ट्रीय जनाधार नहीं है, वे किसी का नाम किसी बड़े पद के लिए उछाल सकते हैं।


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Content Writer

Nitika

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