''नीतीश कुमार की न्याय यात्रा 2005...'', संजय झा ने शेयर की 20 साल पुरानी तस्वीर, कहा- यादें आज भी ताजा हैं!
Monday, Aug 18, 2025-04:14 PM (IST)

Bihar News: जनता दल यूनाईटेड के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने नीतीश कुमार की न्याय यात्रा की पुरानी यादें शेयर की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कांग्रेस के ‘असंवैधानिक कदम’ के खिलाफ नीतीश कुमार जी की 'न्याय यात्रा', 2005 — तस्वीर पुरानी है, पर यादें आज भी ताजा हैं!
RJD और कांग्रेस पर साधा निशाना
संजय झा ने RJD और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा है कि फरवरी 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जनता ने जब जंगलराज के संस्थापक राजद और कांग्रेस को बहुमत से दूर कर दिया, तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जनादेश का गला घोंट कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था। तत्कालीन राष्ट्रपति कलाम साहब रूस में थे; उनसे फैक्स के जरिए आदेश पर हस्ताक्षर कराया गया। बिहार की जनता द्वारा चुने गये विधायकों को शपथ तक नहीं लेने दिया गया और विधानसभा को भंग कर दिया गया। इससे वे भूतपूर्व की बजाय 'अभूतपूर्व' विधायक हो गये!
नीतीश कुमार ने राज्य में निकाली थी ‘न्याय यात्रा’
कांग्रेस द्वारा जनादेश की हत्या के खिलाफ माननीय नेता नीतीश कुमार ने राज्य में ‘न्याय यात्रा’ निकाली और जनता-जनार्दन ने न्याय कर दिया। नवंबर 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बड़े बहुमत के साथ NDA की सरकार बनी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी राष्ट्रपति शासन लागू करने को ‘असंवैधानिक कदम’ करार दिया। लेकिन, तब तक नवंबर 2005 के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी, इसलिए फरवरी 2005 के जनादेश को बहाल नहीं किया गया। इस समय जो लोग संविधान की किताब लेकर बिहार में घूम रहे हैं, क्या वे प्रदेश की जनता को बताएंगे कि कांग्रेस ने संविधान को ताक पर रख कर जनादेश की हत्या क्यों की थी? और इसके लिए बिहार की जनता तथा 'अभूतपूर्व' विधायकों से माफी मांगेंगे?
तब नाव ही एकमात्र सहारा, अब सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण होने से.....
संजय झा ने नीतीश कुमार की 2005 की 'न्याय यात्रा' के बारे में आगे लिखा है कि आपको बता दें कि ‘न्याय यात्रा’ की यह तस्वीर जुलाई 2005 की है और हमलोग सीतामढ़ी जिले की सीमा पर स्थित औराई जा रहे हैं। तब बिहार के हज़ारों गांवों में बरसात के दिनों में जाने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा हुआ करती थी। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पिछले 20 वर्षों में राज्यभर में बड़े पैमाने पर सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कराये जाने से अब वहां सालोभर लोग वाहन से पहुंच रहे हैं। यह ढांचागत बदलाव आजादी के छह दशक बाद तक विकास से वंचित रहे गांवों तक उम्मीद की रोशनी पहुंचाने का प्रतीक है। मुझे विश्वास है, बिहार के लोग किसी के झांसे में आकर इस रोशनी को फिर से मद्धिम पड़ने नहीं देंगे।