Rohini Acharya News: पहले तेज प्रताप, अब रोहिणी ने किया किनारा… कौन हैं संजय यादव जिनसे लालू परिवार में मचा घमासान?
Saturday, Nov 15, 2025-08:10 PM (IST)
Rohini Acharya News: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद RJD के भीतर लंबे समय से अंदर रही नाराजगी अब खुलकर सामने आ चुकी है। चुनाव परिणामों के बाद पार्टी में मचा घमासान उस वक्त और गहरा गया, जब लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने की घोषणा कर दी।
रोहिणी का बड़ा आरोप—दबाव में लिया फैसले की जिम्मेदारी
रोहिणी आचार्य ने X पर पोस्ट कर दावा किया कि संजय यादव और रमीज़ ने उन्हें सभी गलतियों की जिम्मेदारी अपने सिर लेने के लिए कहा था। इसके साथ ही उन्होंने राजनीति से संन्यास और परिवार से नाता तोड़ने की बात लिखी। यह बयान सीधे तेजस्वी यादव के खास और पार्टी के प्रभावशाली नेता संजय यादव को विवाद के केंद्र में ले आया है।
पहले तेज प्रताप, अब रोहिणी… क्या संजय यादव से खफा है लालू परिवार?
RJD के भीतर यह पहली बार नहीं है जब संजय यादव का नाम विवादों में आया हो। तेजप्रताप यादव पहले भी उन्हें आरजेडी से बेदखल किए जाने की वजह बता चुके हैं। कई मौकों पर तेजप्रताप ने उन्हें “जयचंद” कहकर खुलकर नाराजगी भी जताई। अब रोहिणी आचार्य का इस तरह सामने आना लालू परिवार के भीतर बढ़ती दरार का संकेत माना जा रहा है।
हार के बाद RJD में खुला अंदरूनी विवाद
चुनावी पराजय के बाद पार्टी के भीतर वर्षों से चली आ रही खटास फिर उजागर हो गई है। अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि टिकट बंटवारे से लेकर रणनीति बनाने तक—हर स्तर पर संजय यादव की भूमिका को लेकर कई नेताओं में असंतोष था। चुनाव के समय कई वरिष्ठ नेताओं ने टिकट कटने और रणनीति विफल होने की वजह संजय यादव को बताया था।
कौन हैं संजय यादव—जानिए क्यों हैं विवाद के केंद्र में
- मूल रूप से महेंद्रगढ़, हरियाणा के रहने वाले
- M.Sc (Computer Science) और MBA किया
- तेजस्वी यादव से दोस्ती दिल्ली में क्रिकेट खेलते समय हुई
- 2012 से तेजस्वी के साथ राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में जुड़े
- 2015 के बिहार चुनाव के बाद उनका कद पार्टी में लगातार बढ़ा
- 2024 में RJD ने उन्हें राज्यसभा भेजा
- 2025 के चुनाव में सीट शेयरिंग, कैंपेन स्ट्रैटजी और सोशल मीडिया मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका
RJD के सामने बड़ा संकट—परिवार की टूट या पार्टी की मरम्मत?
सियासी पंडित मान रहे हैं कि अगर यह विवाद जल्द शांत नहीं हुआ तो RJD को आने वाले समय में और अंदरूनी टूट का सामना करना पड़ सकता है। सार्वजनिक बयानबाजी और परिवार के सदस्यों के खुलकर सामने आने से पार्टी की छवि पर गहरा असर पड़ा है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पार्टी सुलह का रास्ता चुनती है या विवाद और गहराता है।

