राबड़ी देवी के बंगले पर सियासी संग्राम! RJD के तेवर गरम—‘डेरा नहीं खाली करेंगे’, टकराव के पूरे आसार

Wednesday, Nov 26, 2025-08:32 PM (IST)

Bihar Politics Update: बिहार की राजनीति में एक बार फिर नया तनाव जन्म ले चुका है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 39 हार्डिंग रोड स्थित सरकारी आवास आवंटित कर दिया है। लेकिन इसके बाद बिहार की सियासी जमीन गर्म हो उठी है, क्योंकि RJD ने साफ कर दिया है कि वे 10 सर्कुलर रोड वाले पुराने सरकारी बंगले से हटने वाले नहीं हैं।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताते हुए साफ संदेश दे दिया— “जो करना है कर लें, बंगला नहीं छोड़ेंगे।” यह विवाद सिर्फ आवास का नहीं, बल्कि लालू परिवार की पुरानी राजनीतिक विरासत और सत्ता संघर्ष की यादें फिर से जगा रहा है।

RJD का हमला – ‘BJP की साज़िश’, ‘Political Vendetta’

मंगनी लाल मंडल ने नीतीश सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों में कई बार सरकार बदली, लेकिन राबड़ी देवी का बंगला मुद्दा कभी नहीं बना। अब अचानक इसे क्यों उठाया गया? उनका आरोप है कि गृह विभाग के भाजपा के पास जाने के बाद लालू-राबड़ी परिवार को निशाना बनाया जा रहा है। RJD का कहना है कि यह कदम राजनीतिक दुश्मनी से प्रेरित है।

पार्टी नेतृत्व का दावा है कि अगर सरकार दबाव बनाएगी, तो वे कोर्ट जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। यह बयानबाज़ी RJD कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भर रही है, जो इसे “सत्ता के अहंकार के खिलाफ लड़ाई” के रूप में देख रहे हैं।

सरकार का कदम – नया बंगला आवंटित, पुराना खाली करने का आदेश

भवन निर्माण विभाग ने आधिकारिक पत्र जारी कर 39 हार्डिंग रोड का नया आवास राबड़ी देवी को दिया है। इसके साथ ही 10 सर्कुलर रोड का बंगला खाली करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। तेज प्रताप यादव का 26 एम स्ट्रैंड रोड वाला आवास भी नए मंत्री को आवंटित हो चुका है, जिससे उन्हें भी स्थान खाली करना पड़ सकता है। सरकार का दावा है कि यह सब नियमों के अनुसार है, लेकिन RJD इसे खास तौर पर की गई “टारगेटेड कार्रवाई” बता रही है।

10 सर्कुलर रोड: लालू परिवार की सियासत का प्रतीक

10 सर्कुलर रोड सिर्फ एक पता नहीं है—यह लालू परिवार की राजनीति का केंद्र रहा है।2006 में राबड़ी देवी को यह आवास मिला था और यहीं से कई बड़ी रणनीतियां तैयार होती थीं। 2019 में हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं खत्म कर दी थीं, लेकिन राबड़ी देवी को नेता प्रतिपक्ष होने के कारण छूट मिल गई थी। अब नई सरकार के फैसले ने वर्षों पुरानी यादों, सियासी खींचतान और गरमाहट को फिर से जगा दिया है।

अब आगे क्या? कोर्ट का रास्ता या कोई समझौता?

RJD ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वे लड़ाई से पीछे नहीं हटने वाले। मंडल ने कहा कि राबड़ी देवी को हटाने की कोशिश “इतिहास से छेड़छाड़” की तरह है।

राजनीतिक विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह विवाद आने वाले दिनों में और उग्र रूप ले सकता है। क्या सरकार नियमों पर कायम रहेगी? या राजनीतिक तनाव को देखते हुए कोई समझौता हो सकता है? फिलहाल, 10 सर्कुलर रोड बिहार की राजनीति की सबसे गर्म जगह बन चुका है।


 


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Ramanjot

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