दरभंगा में EVM का खेल? पुष्पम प्रिया का बड़ा आरोप—‘मेरे वोट BJP को ट्रांसफर किए गए!’
Monday, Nov 17, 2025-06:38 AM (IST)
Bihar Election 2025 Results: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम आने के बाद Plurals Party की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने दरभंगा विधानसभा सीट पर EVM Tampering के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर एक लंबा पोस्ट साझा कर दावा किया कि मतदान मशीन में बटन नंबरों में “ऊपर से बदलाव” किया गया ताकि उनके वोट सीधे BJP Candidate को ट्रांसफर हो सकें।
‘24 घंटे में बदल दिया गया EVM Button Order’ – पुष्पम प्रिया
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा कि नामांकन के बाद स्थानीय अधिकारियों ने उम्मीदवारों का EVM बटन क्रम बताया था—
- उमेश सहनी (महागठबंधन) – बटन नंबर 6
- पुष्पम प्रिया (Plurals) – बटन नंबर 7
- आर.के. मिश्रा (जनसुराज) – बटन नंबर 8
लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर इसे बदलकर 5, 6 और 7 कर दिया गया। उनका कहना है कि यह बदलाव “Top-Level हस्तक्षेप” के कारण हुआ।
‘Vote Transfer में हुई Technical Glitch’
पुष्पम प्रिया के अनुसार यह पूरा मामला “एक सोची-समझी तकनीकी साजिश” जैसा है। उन्होंने दावा किया कि सिस्टम में यह पहले से सेट कर दिया गया था कि बटन नंबर 6 पर पड़े वोट BJP के संजय सरावगी को ट्रांसफर हों। लेकिन गठबंधन उम्मीदवार को अचानक 6 नंबर पर रख देने से “गेम गड़बड़ा गया और साजिश उजागर होने की संभावनाएं बढ़ गईं”।
‘मेरे होमटाउन में इतने कम वोट? यह सांख्यिकीय रूप से असंभव’
पुष्पम प्रिया ने यह भी कहा कि उन्हें अपने गृहनगर दरभंगा में “आश्चर्यजनक रूप से बेहद कम वोट” मिले, जो राजनीतिक और सांख्यिकीय दोनों ही दृष्टियों से असंभव है। उन्होंने सवाल उठाया कि जहां उनका परिवार और सैकड़ों रिश्तेदार रहते हैं, वहां उन्हें छोटे निर्दलीय उम्मीदवारों से भी कम वोट कैसे मिले?
मुस्लिम बहुल बूथों पर Record Votes BJP उम्मीदवार को कैसे चले गए?
उन्होंने दावा किया कि काउंटिंग के दौरान खुद BJP Candidate के एजेंट भी इस बात से चकित थे कि कई ऐसे केंद्रों से वोट कैसे मिल रहे हैं जहां उनका परंपरागत आधार नहीं है।
‘सबूत मौजूद हैं, बड़े खुलासे होंगे’ – पुष्पम प्रिया
अपने पोस्ट के अंत में उन्होंने चेतावनी देते हुए लिखा कि “मेरे पास हर बूथ से पर्याप्त सबूत हैं, इस बार पूरा खेल उजागर होकर रहेगा।” उनके आरोपों ने बिहार की राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है और अब निगाहें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।

