बिहार में ट्रांसजेंडर द्वारा संचालित "Menstrual Cup" निर्माण इकाई की जाएगी स्थापित, समुदाय के लोगों को मिलेगा रोजगार
Wednesday, Feb 01, 2023-10:30 AM (IST)
पटना: ट्रांसजेंडर लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार की कोशिश के तहत बिहार की राजधानी में विशेष रूप से समुदाय के लोगों द्वारा संचालित ‘मेंस्ट्रुअल कप' निर्माण इकाई स्थापित की जाएगी। ‘मेंस्ट्रुअल कप' रबर या सिलिकॉन का एक छोटा कप होता है, जिसका इस्तेमाल महिलाएं मासिक धर्म के दौरान करती हैं। एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा की गई इस पहलों के तहत राज्य के हर जिलों के विभिन्न कार्यालयों में भोजनालय, उपचार केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।
ट्रांसजेंडर लोगों को मिलेगा रोजगार
एनजीओ ने कहा, ‘‘इन सभी पहलों का मकसद ट्रांसजेंडर लोगों के लिए रोजगार पैदा करना है। ये केंद्र ट्रांसजेंडर ही चलाएंगे, लेकिन इन उत्पादों या सेवाओं को कोई भी खरीद सकता है।'' साल 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में ट्रांसजेंडर की आबादी 40,827 है। राज्य सरकार ने मेंस्ट्रुअल कप निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए गांधी मैदान के पास जमीन उपलब्ध कराई है। एनजीओ ने कहा ‘‘हमने क्राउडफंडिंग के जरिए धन जुटाया और भवन का निर्माण स्वयं किया। अब हम निर्माण मशीनें खरीदने के लिए धन एकत्र करने के विकल्प तलाश रहे हैं। हमने राज्य सरकार से भी संपर्क किया है।'' साथ ही कहा कि यह संभवतः राज्य में पहली मेंस्ट्रुअल कप निर्माण इकाई होगी।
"राज्य में ट्रांसजेंडरों द्वारा संचालित ‘किन्नर की रसोई' स्थापित करने का है प्रस्ताव"
वहीं दिल्ली स्थित एनजीओ ने कहा कि पटना के बाहरी इलाके में एक ट्रांसजेंडर सामुदायिक छात्रावास में एक लेजर उपचार केंद्र पहले से ही संचालित है। राज्य भर के विभिन्न कार्यालयों में ट्रांसजेंडरों द्वारा संचालित ‘किन्नर की रसोई' स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। समुदाय के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के हर प्रयास की सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को इन पहलों का समर्थन करना चाहिए। हम जल्द ही कुछ मंत्रालयों के सहयोग से नई दिल्ली में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए उद्योग मेले का आयोजन करेंगे।''

