Bihar Monsoon Update:बिहार में मानसून का बदला मिजाज! दक्षिण बिहार के 19 जिलों में रेड अलर्ट जारी

Friday, Jul 25, 2025-08:00 AM (IST)

Bihar Monsoon Update: पटना सहित पूरे बिहार में मानसून की सक्रियता जैसे ही बढ़ी, लोगों को गर्मी से तो राहत मिली, लेकिन अब बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। गुरुवार से राज्य के कई जिलों में भारी बारिश हुई है, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन इसके साथ ही जलजमाव और फसलों पर खतरे की आशंका भी बढ़ गई है।

शुक्रवार को भी मौसम विभाग ने राज्य के दक्षिणी हिस्सों में खतरनाक स्थिति बने रहने की चेतावनी जारी की है। खासकर गया, नवादा, शेखपुरा सहित दक्षिण बिहार के 19 जिलों पर भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। झारखंड की सीमा से सटे बिहार के कई जिलों में आज भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। इनमें भभुआ, रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई, बांका, खगड़िया, बेगूसराय और समस्तीपुर शामिल हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इन जिलों में आज दिनभर तेज बारिश हो सकती है, जिससे जलभराव और जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। साथ ही 24 जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना भी जताई गई है।

बारिश के चलते अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे आम लोगों को राहत तो मिलेगी लेकिन यह स्थिति किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण बन सकती है। इस साल जून के आखिरी सप्ताह और जुलाई के पहले हफ्ते में अच्छी बारिश की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन अब तक की स्थिति इसके ठीक उलट रही है।

मानसून की स्थिति कमजोर होने के कारण इस बार सामान्य से 44 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है। आमतौर पर इस समय तक बिहार में औसतन 432.2 मिलीमीटर बारिश हो जानी चाहिए थी, लेकिन अब तक केवल 241.9 मिलीमीटर ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश की इस भारी कमी का असर खरीफ फसलों पर साफ नजर आ रहा है। खेतों में धान की रोपनी अब तक पूरी नहीं हो सकी है और जहां रोपनी हुई है, वहां भी पौधों में पीलेपन की समस्या देखी जा रही है।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर अगस्त के पहले सप्ताह तक सामान्य या भारी बारिश नहीं होती है, तो खरीफ फसलों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि मिट्टी में पर्याप्त नमी नहीं है और लगातार धूप के कारण खेत सूखने लगे हैं।

मौसम विभाग की मानें तो इस बार बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी युक्त हवाएं अपेक्षा से कमजोर पाई गई हैं। इसके अलावा पूर्वी दिशा से चल रही हवाओं के कारण वातावरण में नमी तो है, लेकिन यह 100 प्रतिशत के करीब नहीं पहुंच पा रही है। जब तक वातावरण में पर्याप्त नमी नहीं होगी, तब तक भारी बारिश की संभावना नहीं बनती है। यही वजह है कि राज्य में बौछारें तो हो रही हैं, लेकिन जोरदार और संतुलित बारिश अब तक नहीं हो पाई है।


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Ramanjot

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