Navratri 2023: नवरात्र में हाथी पर होगी देवी की विदाई, सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक होते है नवरात्र

3/23/2023 11:55:09 AM

पटनाः बिहार में शक्ति की अधिष्ठात्री मां दुर्गा की उपासना का त्योहार चैत्र नवरात्र 22 मार्च शुरू हो गया। शुभ मुहुर्त में विधि विधान से नवरात्र आराधना को लेकर कलश की स्थापना हुई। इसके साथ ही मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना का नौ दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो गया है। इस बार चैत्र शुक्ल दशमी 31 मार्च शुक्रवार को देवी की विदाई गज यानी हाथी पर होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हाथी पर देवी की विदाई होने से इस वर्ष उत्तम वृष्टि के आसार बनेंगे।

दुर्गा सप्तशती के कुल 700 श्लोको का पाठ करेंगे उपासक: पंडित राकेश
वहीं ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कलश स्थापना के साथ चैत्र नवरात्र शुरू हो गया है। वासंतिक नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। इसीलिए इसकी स्थापना शुभ मुहूर्त में करना फलदायी होगा। पंडित राकेश झा उन्होंने कहा कि जगत जननी की कृपा व सर्वसिद्धि की कामना से उपासक फलाहार या सात्विक अन्न ग्रहण करते हुए दुर्गा सप्तशती के 13 अध्याय के कुल 700 श्लोको का सविधि पाठ करेंगे। चैत्र शुक्ल नवमी गुरुवार 30 मार्च को महानवमी तथा 31 को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। बताया कि चैत्र नवरात्र में भगवती की पूजन में माता के उपासक नियम, संयम, शुद्ध आहार, विचार रखते है। नवरात्र को सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक, आत्मशुद्धि एवं मुक्ति का आधार माना गया है। 

"ऋतु परिवर्तन के कारण वर्षभर में होते है चार नवरात्र" 
झा ने कहा कि ऋतु परिवर्तन के कारण वर्षभर में कुल चार नवरात्र होते है, माघ, चैत्र, आषाढ़ एवं आश्विन मास का नवरात्र ऋतुओ के परिवर्तन से मनुष्य का स्वास्थ्य व मन:स्थिति प्रभावित होता है। जातक पर कई तरह के नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है। इस प्रभाव के बचने के लिये व्रत या फलाहार करना, वेद मंत्रों के उच्चारण, ध्यान-न्यास आदि सेहत के लिए लाभकारी होता है। इससे मौसमी परिवर्तन का कुप्रभाव नहीं पड़ता है। 


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Content Editor

Swati Sharma

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