Gig workers : न्यू ईयर ईव पर गिग वर्कर्स की हड़ताल! दिल्ली-NCR सहित पूरे देश में फूड डिलीवरी और कैब सर्विस हो सकती है प्रभावित
Wednesday, Dec 31, 2025-11:10 AM (IST)
Gig Workers: नए साल की पूर्व संध्या यानी 31 दिसंबर 2025 को देशभर के हजारों गिग वर्कर्स हड़ताल पर जाने वाले हैं। इस हड़ताल से फूड डिलीवरी ऐप्स जैसे जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकिट, जीप्टो और कैब सर्विस जैसे उबर, ओला की सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। यह साल का सबसे व्यस्त दिन होता है, जब ऑनलाइन ऑर्डर्स की बाढ़ आती है, लेकिन हड़ताल के कारण ऑर्डर में देरी या कैंसिलेशन की समस्या हो सकती है। यह हड़ताल क्रिसमस पर हुई इसी तरह की कार्रवाई के बाद की जा रही है, जिससे कुछ शहरों में सेवाएं ठप हो गई थीं।
गिग वर्कर्स की मुख्य शिकायतें क्या हैं?
कंपनियां खुद को 'गिग वर्कर सेंट्रिक' बताती हैं, लेकिन वर्कर्स का कहना है कि हकीकत इसके उलट है। उन्हें 'इंडिपेंडेंट पार्टनर' कहा जाता है, इसलिए दुर्घटना या मेडिकल खर्च की जिम्मेदारी कंपनी नहीं लेती। एक वर्कर ने बताया कि 10 मिनट डिलीवरी का दबाव असुरक्षित है और इससे कमाई ज्यादा खर्च हो जाती है। हड़ताल का मकसद इन मुद्दों को उजागर करना और एल्गोरिदम आधारित सिस्टम को बंद कराना है।
वर्कर्स की व्यक्तिगत कहानियां
चांदनी चौक के 30 साल के नदीम नाम के डिलीवरी वर्कर ने बताया कि करीब 10 महीने पहले दुर्घटना में वे कोमा में चले गए थे। इलाज पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च हुए, लेकिन कंपनी ने कोई सहायता नहीं दी। वहीं, जाफराबाद के अमन ने शिकायत की कि लंबे घंटे काम करने के बावजूद कमाई बहुत कम है। सोमवार को 7 घंटे काम करके 11 ऑर्डर्स डिलीवर किए, लेकिन कमाई सिर्फ 263 रुपये हुई। कभी-कभी एक ही काम के लिए 1000 रुपये मिल जाते हैं, लेकिन एल्गोरिदम अनिश्चित है।
राइड-हेलिंग ऐप के ड्राइवर प्रभात कुमार वर्मा ने बताया कि हर राइड पर 13% प्लेटफॉर्म फीस कटती है। इसे बचाने के लिए कंपनी के इंसेंटिव खरीदने पड़ते हैं, जैसे 125 रुपये देकर 3 दिन में 1400 रुपये कमाने का ऑफर। लेकिन ईंधन और व्हीकल मेंटेनेंस के खर्च के बाद कमाई बहुत कम बचती है।
हड़ताल से पार्टी प्लान्स पर असर, पहले से स्टॉक कर लें जरूरी सामान!
यह हड़ताल इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स (IFAT), गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विस वर्कर्स यूनियन और अन्य संगठनों की ओर से बुलाई गई है। वर्कर्स बेहतर वेतन, सोशल सिक्योरिटी, दुर्घटना बीमा और सुरक्षित कामकाजी हालात की मांग कर रहे हैं। दिल्ली-NCR, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे जैसे बड़े शहरों में सबसे ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद है।
उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि न्यू ईयर पार्टी के लिए जरूरी सामान पहले से खरीद लें या ऑफलाइन स्टोर्स से लें। यह हड़ताल गिग इकोनॉमी की बढ़ती समस्याओं को सामने ला रही है, जहां तेज डिलीवरी का दबाव वर्कर्स की सेहत और सुरक्षा पर भारी पड़ रहा है।

