बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष में ही लोकतंत्र को किया गया कलंकितः भाकपा-माले

10/21/2021 10:54:45 AM

पटनाः भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने बिहार में इस बार के बजट सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में पुलिस से विपक्षी सदस्यों की पिटाई के मामले को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सभा भवन के शताब्दी वर्ष में ही लोकतंत्र को कलंकित किया गया।

भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बुधवार को कहा कि बिहार विधानसभा भवन का शताब्दी वर्ष का धूमधाम से मनाया जा रहा समारोह इस वर्ष 23 मार्च के ऐतिहासिक कलंक को नहीं मिटा सकता है, जब पूरी दुनिया ने विधानसभा के अंदर ही लोकतंत्र की हत्या का तमाशा देखा था। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उस दिन सरकार और विधानसभा अध्यक्ष के इशारे पर न केवल विधायकों की बेहरहमी से पिटाई की गई बल्कि विधायिका जैसी संस्था की धज्जियां उड़ाई गईं थी। उस ऐतिहासिक कलंक को बिहार और पूरा देश कभी भूल नहीं सकता है। 

"सभी संस्थाओं की गरिमा को तार-तार कर रही BJP" 
दोनों नेताओं ने कहा कि आज संसद से लेकर विधानसभा तक तथा सभी संस्थाओं की गरिमा को भाजपा सरेआम तार-तार कर रही है। संसद में तमाम लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का मजाक बनाते हुए जबरन तीन कृषि कानून पारित करा लिए गए। पिछले 10 महीनों से देश की सड़कों पर किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन तानाशाह सरकारों को इससे कोई लेना देना नहीं है। पांच सौ से अधिक किसानों की जान जा चुकी है लेकिन सरकार लोकतंत्र के न्यूनतम प्रतिमानों का भी पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि विधायिका के सत्रों को सरकार ने जान-बूझकर छोटा कर दिया है ताकि वहां जनता के सवालों पर कोई बातचीत न हो सके। इन संस्थाओं को कमजोर करके वह लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर कर रही हैं। केंद्र और बिहार की सत्ता पर आसीन सरकारें तानाशाही के जरिए शासन चलाना चाहती हैं। 

"प्रतिरोध की आवाजों को जबरदस्ती कुचला जा रहा" 
कुणाल और आलम ने कहा, ‘‘आज दिल्ली से लेकर पटना तक तानाशाही का विस्तार हो रहा है और प्रतिरोध की आवाजों को जबरदस्ती कुचला जा रहा है। ऐसे में केवल समारोह का आयोजन कर भला हम लोकतंत्र को कैसे मजबूत कर सकते हैं। संवैधानिक संस्थाओं और विधायिका की भूमिका को लगातार कमजोर किए जाने की भाजपाई साजिशों के खिलाफ जनता को मोर्चा लेना होगा और हमें सही अर्थों में अपने देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक निर्णायक लड़ाई में उतरना होगा।''


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Recommended News

Related News

static