'सनातन धर्म विवाद' पर बोले राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा- सनातन पर विवादित बयानबाजी नहीं होगी बर्दाश्त

Saturday, Sep 09, 2023-12:14 PM (IST)

बेगूसराय: राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने सनातन पर हो रहे विवाद पर कहा कि विमर्श में शब्दों का चयन और सांस्कृतिक भावना होनी चाहिए, लेकिन जब इन दोनों का अभाव होता है तो विमर्श विकृत हो जाता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर विवादित बयानबाजी बर्दाश्त नहीं होगी।

'ए राजा और स्टालिन के पुत्र का बयान दोनों ही विमंदावाड'
बता दें कि, सनातन धर्म पर स्टालिन के बेटे उदय निधि स्टालिन के विवादित बयान के बाद डीएमके के नेता ए राजा ने विवादित दिया था। राकेश सिन्हा ने कहा कि ए राजा का बयान और स्टालिन के पुत्र का बयान दोनों ही विमंदावाड है, विमर्श नहीं और वह स्वयं तमिल पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त्य मुनि को साक्षात भगवान शिव ने तमिल भाषा सिखाया था। उसी के आधार पर अगस्त्य मुनि ने तमिल संस्कृति तमिल भाषा और तमिल समाज की यात्रा शुरू की। अगस्त्य मुनि ने दक्षिण और उत्तर भारत को जोड़ने का काम किया था तो ए राजा वास्तव में तिरुवल्लुवर अगस्त्य मुनि, सुब्रमण्यम भारती जैसे ऐसे विद्वानों को जो तमिल अस्मिता के प्रतीक हैं, उन पर प्रहार किया है।

राकेश सिन्हा ने RSS प्रमुख के आरक्षण वाले बयान का किया समर्थन
वहीं दूसरी ओर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नागपुर में दिए गए बयान कि समाज में जब तक भेदभाव रहेगा तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए। इस बयान पर राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय सनातन समाज में भेदभाव का स्थान नहीं था, लेकिन प्रकारन्तर अंतर में अनेक प्रकार के भेदभाव जाति के रूप में या सदस्यता के रूप में आया और सामंतवादी व्यवस्था ने उस भेदभाव को और आगे बढ़ने का काम किया है। इसलिए जब तक इस तरह का भेदभाव है जिसमें समाज के एक बड़े वर्ग को वंचित रहना पर पड़ा था और रहना पड़ रहा है और आगे भी ऐसी स्थिति बनी हुई है तो आरक्षण का लक्ष्य ही उस तरह की भेदभाव से पीड़ित व्यक्तियों को न्याय दिलाना जिसको सामाजिक न्याय कहते हैं।


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Content Editor

Swati Sharma

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