3 चरणों में बिहार के पैक्सों का कम्प्युटरीकरण, राज्य के ग्रामीण विकास का बन सकता है आधार
Wednesday, Nov 27, 2024-06:57 PM (IST)
पटना: बिहार के पैक्सों के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए भारत सरकार की 'पैक्स कम्प्यूटरीकरण योजना बिहार के ग्रामीण विकास का आधार बन सकता है। भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ मिलकर वर्ष 2022-23 से वर्ष 2026-27 के पांच वर्षों में बिहार के सभी पैक्सों को कंप्यूटरीकृत करने का निर्णय लिया है।
पैक्सों का कम्प्युटरीकरण तीन चरणों में है। इस क्रम में प्रथम चरण में सहकारिता विभाग द्वारा 4477 (चार हजार चार सौ सतहत्तर) पैक्सों का कम्प्युटरीकरण कर दिया गया है। जिसमें से 3739 (तीन हजार सात सौ उनचालीस) पैक्सों में गो-लाइव (System Integrator) के द्वारा कर दिया गया है तथा पैक्सों का दैनिक क्रियाकलाप कम्प्यूटर से आरंभ की जा रही है। प्रथम चरण के क्रियान्वयन हेतु 54.92 करोड़ रुपये की राशि प्रावधानित है जिसमें से केन्द्र सरकार द्वारा 32.94 करोड़ तथा राज्य सरकार द्वारा 21.06 करोड़ रुपये का उपबंध किया गया है। द्वितीय चरण में 1601 (एक हजार छः सौ एक) पैक्सों में कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गयी है। सहकारिता विभाग द्वारा द्वितीय चरण में कम्प्युटरीकरण हेतु चयनित पैक्सों की सूची भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा चुका है। तीसरे चरण की प्रक्रिया आरंभ करने हेतु सभी जिला से शेष पैक्सों का DLMIC से पारित प्रस्ताव प्राप्त किया जा रहा है।
पैक्सों में कॉमन सर्विस सेंटर का भी कार्य आरंभ किया जा रहा है जिसमें 300 से अधिक प्रकार की ऑनलाइन सेवाएं भी ग्रामीणों को उपलब्ध हो पाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए पैक्स के अध्यक्षों/ कार्यकारिणी सदस्यों / प्रबंधको को आवश्यक प्रशिक्षण दी जा रही है। कम्प्यूटरीकृत हो चुके पैक्सों का वर्ष 2023-24 का अंकेक्षण (System Audit) ऑनलाइन माध्यम से कराया जा रहा है। प्रखंडों में पदस्थापित सहकारिता प्रसार पदाधिकारी एवं कार्यपालक सहायक को गो-लाइव पैक्सों में दैनिक एंट्री, ओपनिंग तथा क्लोजिंग का दायित्व दिया गया है। पैक्सों के द्वारा प्रतिदिन इन कार्यकलाप को सुनिश्चित किया जाना