फर्जी कॉल मामले में BJP ने की न्यायिक जांच की मांग, जायसवाल बोले- पूरा सच पता चलना चाहिए
Friday, Oct 21, 2022-02:16 PM (IST)

पटनाः स्वयं को पटना उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बताकर एक जालसाज द्वारा बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को फोन करने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने न्यायिक जांच की मांग की। स्वयं को न्यायाधीश बताकर एक व्यक्ति ने डीजीपी को फोन करके शराब माफिया से मिलीभगत के आरोपी आईपीएस अधिकारी आशीष कुमार की पैरवी की थी और उनके साथ नरमी बरते जाने को कहा था।
"बिहार की जनता पूरी तरह भगवान भरोसे"
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य सरकार से इस मामले में एक ‘‘श्वेत पत्र'' जारी करने की मांग करते हुए कहा कि पूरा सच पता चलना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस तरह के दुस्साहसी धोखेबाज डीजीपी को कॉल करने से नहीं रुके होंगे। उन्होंने कई अन्य अधिकारियों, प्रधान सचिवों और यहां तक कि मुख्य सचिव से भी संपर्क किया होगा। कौन जानता है, उसने मुख्यमंत्री को भी फोन किया हो।'' भाजपा नेता ने कहा कि चूंकि डीजीपी एस के सिंघल खुद फंस गए हैं, इसलिए मामले को सुलझाने में पुलिस की प्रभावशीलता संदिग्ध हो गई। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य की पुलिस का हाल यह है कि एक जालसाज अपने आप को न्यायधीश बताते हुए डीजीपी से गलत काम करवा लेता है और उन्हें पता तक नहीं चलता। अगर सूबे के डीजीपी का यह हाल है तो बाकि पुलिस बल का क्या हाल होगा, इस बात का स्वतः अंदाजा लगाया जा सकता। इससे पता चलता है कि बिहार की जनता आज पूरी तरह भगवान भरोसे हैं।''
"मामले की निष्पक्ष जांच कराए सरकार"
जायसवाल ने कहा कि डीजीपी प्रकरण में फिलहाल एक अनियमितता का खुलासा हुआ है लेकिन इससे पता चलता है कि दबाव के जरिए उनसे कुछ भी कराया जा सकता है। उन्होंने मांग की कि सरकार मामले की निष्पक्ष जांच कराए और यह जांच उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा की जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि आईपीएस अधिकारी आशीष कुमार फरार बताए जाते हैं और उन्हें निलंबित कर दिया गया है। कुमार पर गया के एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) रहते हुए शराब माफिया के साथ कथित मिलीभगत करने का आरोप है।