Bihar Weather Update: दो दिनों की भीषण बारिश से तबाही, अब ठनका गिरने का खतरा बढ़ा
Tuesday, Oct 07, 2025-07:45 AM (IST)

पटना: पिछले 2-3 दिनों में हुई भारी बारिश ने बिहार में कहर मचा दिया है। कई इलाकों में rivers overflow होने से flood-like situation बन गई है, वहीं तेज storm winds ने गांवों को तहस-नहस कर दिया। खेतों में जलभराव और तेज हवा से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
सबसे ज्यादा असर paddy (धान), vegetable crops, millets और potato fields पर पड़ा है। खेतों में पानी जमा होने से पौधे सड़ने लगे हैं, वहीं तेज हवा के कारण धान की फसलें झुक गई हैं। कई किसानों के लिए यह बारिश एक “अकाल जैसी स्थिति” बनकर आई है।
मौसम विभाग (IMD Bihar) के अनुसार, पिछले दो दिनों में राज्य में सामान्य से 929 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान 92.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि सामान्य औसत 10 मिमी होनी चाहिए थी।
हालांकि अब rainfall activity में कमी आई है, लेकिन गरजते बादलों से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। सोमवार को राज्य में कहीं भी बारिश रिकॉर्ड नहीं की गई, फिर भी ठनका गिरने का खतरा बरकरार है।
Yellow Alert जारी, 24 जिलों में ठनका गिरने की आशंका
IMD Forecast Bihar के मुताबिक आज Supaul, Araria, Kishanganj, Saharsa, Madhepura, Purnia और Katihar जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं, Patna, Gaya, West Champaran, Muzaffarpur समेत अन्य जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है।
इन जिलों में ठनका गिरने का खतरा सबसे ज्यादा बताया गया है। इस वजह से 26 जिलों में Yellow Alert जारी किया गया है। हवा की रफ्तार 30-40 किमी प्रति घंटे तक रहने की संभावना है। दिन में partly cloudy sky और हल्की धूप देखने को मिलेगी।
Bihar Meteorological Centre के अनुसार, उत्तर-पूर्वी बिहार के ऊपर cyclonic circulation सक्रिय है जो समुद्र तल से लगभग 3 किमी ऊंचाई तक फैला हुआ है। इसके असर से 8 अक्टूबर तक thunderstorm activity जारी रह सकती है।
हालांकि, from 9 October, मौसम पूरी तरह शुष्क हो जाएगा और तेज धूप के कारण तापमान में 2-4°C की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। दूसरी ओर, सुबह और शाम के समय हल्की pink cold (गुलाबी ठंड) महसूस की जा रही है, जिससे मौसम का मिजाज अब सर्दियों की तरफ मुड़ने लगा है।
किसानों के लिए बड़ा झटका
तेज बारिश और हवा से Kharif crops को भारी नुकसान पहुंचा है। खेतों में waterlogging की वजह से कई फसलों का अस्तित्व खतरे में है। कृषि विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में खेतों से पानी निकालने और नुकसान के आकलन का कार्य शुरू किया जाएगा।