Bihar Assembly Election 2025: मिथिलांचल पर तेजस्वी की नज़र, ब्राह्मण वोट बैंक पर कर रहे हैं फोकस

Tuesday, Feb 04, 2025-06:52 PM (IST)

पटना (विकास कुमार): 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) में अगर मिथिलांचल (Mithilanchal) से आरजेडी (RJD) को अधिक समर्थन मिला होता, तो तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) राज्य के मुख्यमंत्री (Bihar CM) बन सकते थे, लेकिन मिथिलांचल (Mithila) और तिरहुत (Tirhut) क्षेत्र ने तेजस्वी के बढ़ते रथ को रोक दिया था।

2020 के विधानसभा चुनाव में पहले चरण में दक्षिण बिहार (South Bihar) की 70 सीटों, दूसरे चरण में मगध (Magadh) और सीमांचल (Seemanchal) की 94 सीटों और तीसरे चरण में तिरहुत (Tirhut) तथा मिथिलांचल (Mithilanchal) की 78 सीटों पर मतदान हुआ था।

2020 बिहार चुनाव में मिथिलांचल और तिरहुत में आरजेडी की हार

2020 चुनाव में आरजेडी (RJD) ने दक्षिण बिहार (South Bihar) की 70 सीटों में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि एनडीए (NDA) को 22 सीटें और अन्य को 1 सीट मिली थी।

•दूसरे चरण में मगध (Magadh) और सीमांचल (Seemanchal) की 94 सीटों में आरजेडी गठबंधन ने 42 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए को 51 सीटें और अन्य को 1 सीट मिली।

•तीसरे चरण में तिरहुत (Tirhut) और मिथिलांचल (Mithilanchal) की 78 सीटों में एनडीए (NDA) को 52 सीटें, जबकि आरजेडी (RJD) गठबंधन को सिर्फ 21 सीटें मिलीं और अन्य को 5 सीटें मिलीं।

मिथिलांचल (Mithilanchal) में आरजेडी का प्रदर्शन कमजोर रहा। इस क्षेत्र की 40 सीटों में से केवल 10 सीटें आरजेडी को मिलीं, जबकि एनडीए (NDA) ने 30 सीटें जीतीं। इसी हार के कारण आरजेडी सत्ता से 12 सीटों की दूरी पर रह गई।

2025 में मिथिला के ब्राह्मण वोटर्स पर फोकस कर रहे तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव अब 2025 के चुनाव में मिथिलांचल में अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए नए रणनीतिक प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने स्वर्गीय ललित नारायण मिश्रा (Lalit Narayan Mishra) को श्रद्धांजलि दी, जो मिथिलांचल के बड़े ब्राह्मण नेता थे।

इसके अलावा, तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मैथिल ब्राह्मण (Maithil Brahman) समाज से जुड़े ऐसे मुद्दों को उठाना शुरू किया है, जो बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) के कोर वोट बैंक माने जाते हैं। उन्होंने ब्राह्मण समुदाय (Brahman Samaj) के उन युवकों का जिक्र किया, जिन्हें किसी न किसी रूप में प्रशासनिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी है।

मैथिल ब्राह्मणों (Maithil Brahman) का दिल जीतने की कोशिश

तेजस्वी यादव ने पटना (Patna) और मधुबनी (Madhubani) में अपने भाषणों के दौरान विशेष रूप से ब्राह्मण समुदाय (Brahman Community) पर हुए अत्याचारों को उजागर किया। उन्होंने राहुल मिश्रा (Rahul Mishra) पर हुए पुलिसिया अत्याचार, मुन्ना झा और हरिमोहन झा की हत्या के मुद्दे उठाए और सरकार पर निशाना साधा।
पहले तेजस्वी यादव को मुस्लिम और यादव वोट बैंक पर निर्भर माना जाता था, लेकिन अब वह ब्राह्मण (Brahman) वोट बैंक को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर मिथिला और तिरहुत का ब्राह्मण समाज (Brahman Samaj) उनके पक्ष में आता है, तो बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) को नुकसान होगा और आरजेडी मजबूत स्थिति में आ जाएगी।

क्या 2025 में बदल जाएगा मिथिलांचल का सियासी गणित?

तेजस्वी यादव की यह रणनीति क्या 2025 बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025) में काम आएगी, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, बीजेपी और जेडीयू के लिए यह चुनौती बढ़ सकती है क्योंकि मिथिला (Mithila) और तिरहुत (Tirhut) का ब्राह्मण वोट बैंक (Brahman Vote Bank) उनके लिए अहम है।
बिहार चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) में आरजेडी और तेजस्वी यादव का भविष्य मिथिला (Mithilanchal) के वोटर्स पर निर्भर करेगा। क्या मैथिल ब्राह्मण तेजस्वी को समर्थन देंगे या बीजेपी और जेडीयू फिर से बढ़त बनाएंगे? यह बड़ा सवाल है।


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Ramanjot

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