''बिहार बंद'' के दौरान राज्य में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज, 250 अराजक तत्वों की हुई गिरफ्तारी

6/19/2022 12:25:48 PM

पटनाः सशस्त्र बलों में भर्ती की शुरू की गई नई ‘अग्निपथ' योजना के खिलाफ शनिवार को लगातार चौथे दिन भी बिहार में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी रहे। राज्य में शनिवार को इस योजना के खिलाफ एक दिन के लिए ‘बिहार बंद' की भी घोषणा कई संगठनों ने की थी और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया और पथराव की घटनाओं में कई कर्मी घायल हो गए। 

अब तक कुल 718 अराजक तत्व गिरफ्तार 
पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, ‘बिहार बंद' के दौरान रेलवे, सरकारी सम्पत्ति को विनष्ट करने तथा तोड़-फोड़ के विरुद्ध पूरे राज्य में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं तथा 250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की गई है। पुलिस के मुताबिक, 16 जून से 18 जून तीन दिनों में कुल 138 प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 718 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। सीसीटीवी फुटेज तथा वीडियोग्राफी के जरिए अराजक तत्वों तथा हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है। 

पुलिस मुख्यालय ने छात्रों से की ये अपील 
पुलिस ने कहा कि जांच के क्रम में हिंसा करने वालों की पहचान होने पर उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी। बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आम जनता तथा सभी छात्रों से शान्ति बनाए रखने, प्रशसन का सहयोग करने, किसी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान नहीं देने तथा किसी के बहकावे में नहीं आने की अपील की गई है। पटना जिले के मसौढी अनुमंडल में तारेगाना रेलवे स्टेशन पर आगजनी करने वालों ने पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक चार पहिया वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कर्मियों पर पथराव भी किया और उनपर गोलियां भी चलाईं। 

कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना
जिला प्रशासन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भीड़ को भड़काने में संदिग्ध संलिप्तता के लिए मसौढी में कुछ कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि पटना, दानापुर और पालीगंज शहर में स्थित कई कोचिंग संस्थानों के बारे में ऐसी ही रिपोर्ट मिली है जिनमें से सभी पर जांच के बाद कार्रवाई किए जाने की संभावना है। पटना के दानापुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा एक एम्बुलेंस पर हमला किया गया। एंबुलेंस चालक ने आरोप लगाया कि गाड़ी के भीतर मौजूद मरीज और परिचारकों को भी पीटा गया।


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Ramanjot

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