Kishanganj Lok Sabha Seat: क्या इस बार अख्तरुल इमान को मिलेगी कामयाबी, कांग्रेस और JDU के कैंडिडेट भी दिखाएंगे दम

3/31/2024 4:33:50 PM

Kishanganj Lok Sabha Seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक किशनगंज लोकसभा सीट है। इस सीट पर पहली बार चुनाव साल 1957 में हुआ और लगातार दो बार कांग्रेस को जीत मिली थी। 1967 के चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एलएल कपूर चुनाव जीते। 1971 में इस सीट पर एक बार फिर से कांग्रेस को जीत मिली और जमीलुर रहमान सांसद बने। 1977 में बीएलडी के हलीमुद्दीन अहमद को किशनगंज की जनता ने संसद भेजा। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली। 

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1985 में उपचुनाव हुए जिसमें जेएनपी के सैय्यद शहाबुद्दीन जीते। 1989 में किशनगंज सीट से कांग्रेस ने मशहूर पत्रकार एम. जे. अकबर को मैदान में उतारा और वे जीतकर लोकसभा भी पहुंचे। 1991 में किशनगंज सीट से एक बार फिर से सैय्यद शहाबुद्दीन चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1996 में किशनगंज से जनता दल के कैंडिडेट मोहम्मद तस्लीमुद्दीन चुनाव जीते। 1998 में भी तस्लीमुद्दीन ही RJD के टिकट पर चुनाव जीते। 1999 में पहली बार इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली और सैय्यद शाहनवाज़ हुसैन यहां से संसद पहुंचे। लेकिन 2004 में तस्लीमुद्दीन ने शाहनवाज हुसैन को हराकर बदला वसूल लिया...इसके बाद 2009 और 2014 में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली और इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना असरार-उल-हक़ क़ासमी चुनाव जीते। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट डॉक्टर मोहम्मद जावेद ने किशनगंज में जीत का परचम लहराया था। 

किशनगंज सीट के अंतर्गत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें 

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किशनगंज लोकसभा सीट किशनगंज और पूर्णिया जिले में फैली हुई है। इस सीट के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं...जिनेमें बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर और बैसी शामिल है। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट डॉक्टर मोहम्मद जावेद ने जीत हासिल की थी। जावेद को 3 लाख 67 हजार 17 वोट मिले थे। वहीं जेडीयू कैंडिडेट सैयद महमूद अशरफ ने 3 लाख 32 हजार 551 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया तो एआईएमआईएम कैंडिडेट अख्तरूल इमान ने 2 लाख 95 हजार 29 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर कांग्रेस के मुहम्मद असरारुल हक़ ने 4 लाख 93 हजार 461 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं बीजेपी के दिलीप कुमार जायसवाल 2 लाख 98 हजार 849 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JDU के अखरुल इमान को 55 हजार 822 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 

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साल 2009 में की बात करें तो कांग्रेस के मुहम्मद असरारुल हक़ ने 2 लाख 39 हजार 405 वोट लाकर जीत हासिल की थी। वहीं जेडीयू के सैयद महमुद अशरफ 1 लाख 59 हजार 136 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि आरजेडी के तस्लीमुद्दीन को 1 लाख 24 हजार 182 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 

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साल 2004 में की बात करें तो आरजेडी कैंडिडेट तस्लीमुद्दीन ने 4 लाख 20 हजार 331 वोट लाकर जीत हासिल की थी तो वहीं बीजेपी के सैयद शाहनवाज़ हुसैन 2 लाख 59 हजार 834 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि समाजवादी पार्टी के अब्दुल जलील मस्तान को 77 हजार 356 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

इस सीट पर करीब 70 फीसदी मुस्लिम वोटर 
किशनगंज लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होना। इस बार यहां से मजलिस के कैंडिडेट अख्तरूल इमान मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस एक बार फिर से किशनगंज में अपना उम्मीदवार उतारेगी। किशनगंज लोकसभा सीट पर करीब 70 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। इसके बाद यादव, सहनी, पासवान, ब्राह्मण, शर्मा, रविदास और मारवाड़ी वोटरों की संख्या है। मुस्लिम वोटरों की संख्या ज्यादा होने के चलते कोई भी पार्टी यहां से अल्पसंख्यक उम्मीदवार को ही चुनावी मैदान में उतारती है। यानी किशनगंज के मुस्लिम वोटर ही तय करते हैं कि कौन उनका सांसद बनेगा। इस बार यहां के वोटर कांग्रेस का साथ देते हैं या नहीं इस पर पूरे बिहार की नजर टिकी हुई है। 


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Content Writer

Ramanjot

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