Patepur Assembly Seat: पातेपुर में इस बार कौन सा दांव चलेंगे लखेंद्र पासवान? ।। Bihar Election 2025

Sunday, May 18, 2025-05:21 PM (IST)

Patepur Assembly Seat: पातेपुर विधानसभा सीट वैशाली जिले में स्थित है। यह विधानसभा क्षेत्र उजियारपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। 1951 हुए चुनाव में इस सीट पर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नथुनी महतो जीते थे, लेकिन अगले ही साल इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट बी दुबे ने बाजी मार ली थी। 1957 में भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा और मंसूर अहसन अजाज़ी विधायक चुने गए...1962 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के कमलेश राय चुनाव जीते। इसके बाद 1967 और 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के पलटन राम लगातार दो बार विधायक चुने गए। 1972 में यह सीट सीपीआई के खाते में गई और रिघन राम जीते। 1977 में जनता पार्टी ने कब्जा जमाया और पलटन राम एक बार फिर से विधायक चुने गए थे। 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के शिवनंदन पासवान विधायक बने थे। 1985 में बालेश्वर सिंह पासवान ने यह सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी थी। 

1990 में रामसुंदर दास विधायक बने थे। 1991 में हुए उपचुनाव में जनता दल के ही एल महतो विधायक बने...1995 में भी जनता दल का ही कब्जा रहा और इस बार महेंद्र बैठा विधायक चुने गए। 2000 में आरजेडी की टिकट पर प्रेमा चौधरी चुनाव जीतीं थीं। 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में यह सीट लोजपा के खाते में गई और महेंद्र भाटिया एक बार फिर से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2005 के ही अक्टूबर में फिर से चुनाव हुए और इस बार इस सीट पर राजद की प्रेमा चौधरी एक बार फिर विधायक चुनी गईं। 2010 में यह सीट बीजेपी के खाते में गई और महेंद्र बैठा चुनाव जीते थे, लेकिन 2015 में बीजेपी इस सीट पर वापसी नहीं कर पाई और एक बार फिर से राजद की प्रेमा चौधरी विधायक चुनी गईं, लेकिन 2020 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार लखेंद्र पासवान ने फिर से बाजी पलट दी थी।

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Patepur Assembly Seat Result 2020।। एक नजर 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर

वहीं 2020 के विधानसभा चुनाव में पातेपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार लखेंद्र पासवान ने विरोधियों को करारी शिकस्त दी थी। लखेंद्र पासवान को 86 हजार पांच सौ नौ वोट मिला था.....तो आरजेडी कैंडिडेट शिवचंद्र राम 60 हजार छह सौ 70 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस तरह से लखेंद्र पासवान ने शिवचंद्र राम को 25 हजार आठ सौ 39 वोट के बड़े मार्जिन से शिकस्त दे दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट सुरेंद्र पासवान 3 हजार दो सौ 37 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।

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Patepur Assembly Seat Result 2015।। एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर

वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में पातेपुर सीट पर आरजेडी कैंडिडेट प्रेमा चौधरी ने जीत हासिल की थी। प्रेमा चौधरी ने बीजेपी उम्मीदवार महेंद्र बैठा को 12 हजार चार सौ 61 वोटों से हराया था। प्रेमा चौधरी को कुल 67 हजार पांच सौ 48 वोट मिला था, जबकि दूसरे नंबर पर रहे महेंद्र बैठा को कुल 55 हजार 87 वोट मिला था...तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय कैंडिडेट रतन लाल को मात्र 4 हजार तीन सौ 79 वोट मिला था।

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Patepur Assembly Seat Result 2010।। एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर

वहीं, 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में पातेपुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार महेंद्र बैठा ने जीत हासिल की थी। महेंद्र बैठा ने आरजेडी कैंडिडेट प्रेमा चौधरी को 16 हजार छह सौ 67 वोटों से हराया था। महेंद्र बैठा को कुल 53 हजार सात सौ 62 वोट मिले थे। जबकि दूसरे स्थान पर रहीं प्रेमा चौधरी को कुल 39 हजार 95 वोट मिला था। वहीं तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय संजय पासवान को मात्र 4 हजार दो सौ 63 वोट से संतोष करना पड़ा था।

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Patepur Assembly Seat Result 2005।। एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर

वहीं, 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में पातेपुर सीट पर आरजेडी कैंडिडेट प्रेमा चौधरी ने जीत का परचम लहराया था। प्रेमा चौधरी ने लोजपा उम्मीदवार महेंद्र बैठा को 3 हजार पांच सौ 16 वोटों से हराया था। प्रेमा चौधरी को कुल 32 हजार सात सौ 92 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे महेंद्र बैठा को कुल 29 हजार दो सौ 76 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे बीजेपी कैंडिडेट चंद्रिका दास को कुल 12 हजार आठ सौ 62 वोट मिले थे।

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पातेपुर विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति के वोटरों की निर्णायक भूमिका है। पातेपुर सीट पर अनुसूचित जाति के वोटरों की आबादी लगभग 24 फीसदी है। इस सीट पर रविदास, पासवान और कुर्मी वोटरों की ज्यादा संख्या है। इसके अलावा पातेपुर सीट के नतीजों को तय करने में कोइरी वोटरों की भी अहम भूमिका है। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान की नजर पातेपुर सीट पर है। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी विधायक लखेंद्र पासवान को चिराग के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ना होगा। वैसे सामाजिक समीकरण के लिहाज से पातेपुर सीट पर एनडीए को बढ़त मिलती दिख रही है।


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Content Editor

Swati Sharma

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