Samastipur में चिराग के कैंडिडेट और INDIA गठबंधन में होगा कड़ा मुकाबला, यादव और कुशवाहा वोटर तय करेंगे जीत-हार का फैसला

4/5/2024 1:31:38 PM

समस्तीपुरः बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक समस्तीपुर लोकसभा सीट है। इस सीट पर पहली बार साल 1952 में चुनाव हुआ और सत्य नारायण सिन्हा सांसद चुने गए, हालांकि उस समय इस सीट का नाम समस्तीपुर पूर्व के नाम से जाना जाता था। इसके बाद इस सीट का नाम समस्तीपुर हो गया और लगातार दो बार यानी कि 1957 और 1962 के चुनाव में सत्य नारायण सिन्हा ही सांसद चुने गए।

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1967 और 1971 के चुनाव में भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा और यमुना प्रसाद मंडल सांसद चुने गए। 1977 में यह सीट जनता पार्टी के खाते में गई और कर्पूरी ठाकुर चुनाव जीते। इसके बाद 1978 के उपचुनाव और 1980 के आम चुनाव में भी यह सीट कर्पूरी ठाकुर के पास ही रही। 1984 में कांग्रेस ने एक बार फिर से वापसी की और रामदेव मंडल चुनाव जीतने में कामयाब हुए। हालांकि इसके बाद यह सीट कभी भी कांग्रेस के खाते में नहीं गई। 1989 और 1991 में जनता दल के टिकट पर मंजय लाल कुशवाहा सांसद चुने गए। 1996 में भी यह सीट जनता दल के पास ही रही और अजीत कुमार मेहता सांसद बने। 1998 में भी यह सीट मेहता के पास ही रही लेकिन इस बार राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर वे चुनाव जीते।


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1999 में इस सीट पर जेडीयू ने कब्जा किया और मंजय लाल चुनाव जीतने में कामयाब हुए। 2004 में यह सीट एक बार फिर से RJD के खाते में गई और आलोक कुमार मेहता सांसद बनने में कामयाब रहे। 2009 में इस सीट पर जेडीयू के महेश्वर हज़ारी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वहीं मोदी लहर में यह सीट एलजेपी के खाते में गई और राम चंद्र पासवान सांसद चुने गए। दुर्भाग्य से रामचंद्र पासवान अब हमारे बीच नहीं हैं। 2020 में हुए उपचुनाव में रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज ने जीत हासिल की थी लेकिन लोजपा में हुए उलटफेर की वजह से इस बार प्रिंस राज के जीतने की संभावना काफी कम हो गई है क्योंकि एनडीए की तरफ से इस बार भी चिराग पासवान के खाते में ही समस्तीपुर सीट दी गई है। गौरतलब है कि समस्तीपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें समस्तीपुर जिले की वारिसनगर, समस्तीपुर, कल्याणपुर, रोसड़ा और दरभंगा जिले की कुशेश्वर स्थान और हायाघाट विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2019 के लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर सीट से रामचंद्र पासवान ने जीत हासिल की थी। पासवान को 5 लाख 62 हजार 443 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस कैंडिडेट अशोक कुमार ने 3 लाख 10 हजार 800 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो 35 हजार 417 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रहा।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर एलजेपी के रामचंद्र पासवान ने 2 लाख 70 हजार 401 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं कांग्रेस के अशोक कुमार 2 लाख 63 हजार 529 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के महेश्वर हज़ारी को 2 लाख 124 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे
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साल 2009 की बात करें तो जेडीयू के महेश्वर हज़ारी ने 2 लाख 59 हजार 458 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं एलजेपी के रामचंद्र पासवान 1 लाख 55 हजार 82 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के अशोक कुमार को 91 हजार 655 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
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साल 2004 की बात करें तो आरजेडी के आलोक कुमार मेहता ने 4 लाख 37 हजार 457 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं जेडीयू के रामचंद्र सिंह 3 लाख 10 हजार 672 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि निर्दलीय शील कुमार राय को 60 हजार 191 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

समस्तीपुर में 13 मई को लोकसभा का चुनाव होना है। 2009 के बाद से यह सीट एससी प्रत्याशियों के लिए आरक्षित हो गई है। समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र कुशवाहा-यादव बहुल है। यहां अनुसचित जाति, सामान्य और ओबीसी समुदाय के वोटर्स भी निर्णायक भूमिका में रहते हैं। ये देखना अहम होगा कि क्या इस बार भी चिराग पासवान की पार्टी इस सीट को जीत पाएगी या नहीं।


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Content Writer

Nitika

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