अररिया लोकसभा सीट पर MY समीकरण के बावजदू क्या BJP कैंडिडेट प्रदीप सिंह कर पाएंगे कमाल

3/26/2024 1:37:22 PM

अररिया: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक अररिया लोकसभा सीट है। 1967 में इस सीट पर पहली बार कांग्रेस के तुलमोहन राम चुनाव जीते थे। 1971 में भी यह सीट उनके पास ही रही। 1977 में यहां से भारतीय लोको दल के महेंद्र नारायण सरदार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के डुमर लाल बैठा चुनाव जीते। लेकिन इसके बाद 1989, 1991 और 1996 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर सुखदेव पासवान जीतकर संसद पहुंचे। 

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इस सीट पर पहली बार 1998 में बीजेपी के रामजी दास ऋषिदेव चुनाव जीतने में सफल रहे। 1999 में सुखदेव पासवान आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते। साल 2004 में एक बार फिर से सुखदेव पासवान चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन इस बार आरजेडी के टिकट पर नहीं बल्कि बीजेपी के टिकट पर जीतकर संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में बीजेपी ने प्रदीप कुमार सिंह को उतारा और ये सीट जीतने में फिर बीजेपी को कामयाबी मिली। 

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2014 में मोदी लहर के बावजूद यह सीट आरजेडी के खाते में गई और मोहम्मद तस्लीमुद्दीन सांसद बने। लेकिन उनके निधन के बाद फिर मार्च 2018 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें आरजेडी के टिकट पर तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम चुनाव लड़े और जीतने में कामयाब रहे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट प्रदीप कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने प्रदीप कुमार सिंह को ही टिकट दिया है। गौरतलब है कि अररिया लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें अररिया जिले की नरपतगंज, रानीगंज(सुरक्षित), फारबिसगंज, अररिया, जोकिहाट और सिकटी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

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2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट प्रदीप कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। सिंह ने 6 लाख 18 हजार 434 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी कैंडिडेट सरफराज आलम ने 4 लाख 81 हजार 193 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया तो 20 हजार 618 वोट के साथ नोटा तीसरे नंबर पर रही। 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2018 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में राजद के सरफराज आलम ने 5 लाख 9 हजार 334 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह 4 लाख 47 हजार 346 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर राजद के तस्लीमुद्दीन ने 4 लाख 7 हजार 978 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह 2 लाख 61 हजार 474 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के विजय कुमार मंडल को 2 लाख 21 हजार 769 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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साल 2009 की बात करें तो बीजेपी के प्रदीप कुमार सिंह ने 2 लाख 82 हजार 742 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं एलजेपी के ज़ाकिर हुसैन खान 2 लाख 60 हजार 240 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के डॉ. शकील अहमद खान को 49 हजार 649 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

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साल 2004 की बात करें तो BJP के सुखदेव पासवान ने 2 लाख 16 हजार 677 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं समाजवादी पार्टी के रामजी दास ऋषिदेव 1 लाख 88 हजार 933 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि एलजेएनएसपी के राम सेवक हज़ारी को 1 लाख 73 हजार 502 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

अररिया सीट पर सात मई को लोकसभा चुनाव होना है। अररिया लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करे तो यहां मुस्लिम-यादव फैक्टर काम करता है। इस सीट पर 44 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं की संख्या है। वहीं अररिया में 56 फीसदी हिंदू वोटर हैंइनमें से 15 फीसदी यादव वोटर हैं। इस तरह मुस्लिम और यादव मिलकर 59 प्रतिशत हो जातें है जो चुनावी नतीजों को अपने हिसाब से दिशा दे सकते हैं। इसलिए अररिया सीट पर माय फैक्टर खास माएने रखता है। 
 


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Content Writer

Ramanjot

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