Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज को लेकर फिर जारी हुई गाइडलाइन, अब Anchal Adhikari करेंगे ये काम
Tuesday, Mar 04, 2025-11:28 AM (IST)

Bihar Land Mutation: बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) ने ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त दाखिल-खारिज याचिकाओं के निष्पादन के बाद जो लिपिकीय या गणितीय त्रुटियां रह जाती हैं उसके शुद्धिकरण के लिए विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।
ई-रिसॉल्वर मेनू से आत्मभारित आदेश पारित करेंगे Anchal Adhikari
विभाग के सचिव जय सिंह ने सोमवार को सभी समाहर्ताओं को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि दाखिल-खारिज (Land Mutation) संबंधी आदेश पारित करने के दौरान की गई लिपिकीय या गणित संबंधी भूल या किसी आकस्मिक भूल या लोप से हुई गलतियां अंचल अधिकारियों (Anchal Adhikari) द्वारा स्वप्रेरणा से या किसी पक्षकार के आवेदन पर शुद्ध की जा सकेगी। अंचल अधिकारी इस शुद्धि से सभी पक्षों को सूचित करेंगे। सिंह ने कहा कि अंचल अधिकारियों को लिपिकीय या टंकण संबंधी भूल के कारण क्रेता-विक्रेता की विवरणी, जमाबंदी-खतियानी रैयत के नाम-पता में हुई त्रुटि एवं लगान की राशि से संबंधी त्रुटि में संशोधन का अधिकार दिया गया है। इसके लिए अंचल अधिकारी ई-जमाबंदी लॉगिन में जाकर ई-रिसॉल्वर मेनू से आत्मभारित आदेश पारित करेंगे।
पहली तारीख को ही Anchal Adhikari का आदेश हो जाएगा निरस्त
विभागीय सचिव ने कहा कि दाखिल-खारिज वादों के निष्पादन के दौरान पारित आदेश में यदि लिपिकीय एवं टंकण संबंधी भूल के कारण खाता-खेसरा और रकबा में कोई गलती हो गई हो या मिलजुमला खेसरा होने की वजह से कोई अन्य जमाबंदी प्रभावित हुई हो तो उसमें संशोधन के लिए अलग प्रक्रिया अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के मुताबिक अंचल अधिकारी (Anchal Adhikari) सिविल प्रक्रिया संहिता-1908 के प्रावधानों के तहत आत्मभारित आदेश पारित करते हुए पहले पारित लिपिकीय-टंकण संबंधी भूल के आदेश को निरस्त करेंगे और पुन: सही खाता, खेसरा और रकबा या अलग-अलग खेसरा के रकबा के दाखिल-खारिज का आदेश पारित करेंगे। सिंह ने कहा कि कई बार रैयत द्वारा खरीदे गए दस्तावेजों में ही खाता, खेसरा और रकबा गलत दर्ज रहता है और उसी के कारण दाखिल-खारिज संबंधी आदेश गलत पारित हो जाते हैं और त्रुटिपूर्ण जमाबंदी सृजित हो जाती है। ऐसी स्थिति में भूमि सुधार उपसमाहर्ता (DCLR) के समक्ष अपील दायर किया जाएगा, जिसे सुनवाई की पहली तारीख को ही अंचल अधिकारी के आदेश को निरस्त कर दिया जाएगा।
विभागीय सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि लिपिकीय और टंकण संबंधी भूल में किसी प्रकार के संशोधन से पहले अंचल अधिकारी आवेदक सहित सभी संबद्ध पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों का अच्छी तरह से अध्ययन करके संतुष्ट हो लेंगे कि आदेश की मूल भावना में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं हो रहा है और त्रुटि न्यायालय द्वारा ही की गई है।