बिहार लोकसभा चुनाव में ‘हॉट सीट' बनी पूर्णिया, चौका जमाने के लिए पप्पू तैयार तो हैट्रिक लगाने की कोशिश में संतोष
4/23/2024 2:51:19 PM
Lok Sabha Elections 2024: बिहार लोकसभा चुनाव 2024 में ‘हॉट सीट' बनी पूर्णिया पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया गठबंधन) की चुनावी लड़ाई के बीच कांग्रेस से बागी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर जाने से इस सीट पर चुनावी जंग त्रिकोणीय हो गई है। बिहार की अधिकांश सीटों पर इस बार राजग और इंडिया गठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है, लेकिन पूर्णिया की तस्वीर थोड़ी अलग है।
राजग के संतोष कुशवाहा और इंडिया गठबंधन की बीमा भारती के अलावा इस सीट पर पप्पू यादव के चुनावी मैदान में आ जाने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। ऐसे में निश्चित रूप से पूर्णिया का सियासी रण बेहद ही रोचक रहने वाला है। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन के पति पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी जन अधिकार पार्टी (जाप) का कांग्रेस में इस आस में विलय कर दिया था कि उन्हें पूर्णिया से टिकट मिल जाएगा लेकिन उनकी उम्मीद पर उस समय पानी फिर गया जब इंडिया गठबंधन के घटक दलों के बीच यह सीट बंटवारे के समझौते के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खाते में चली गई।
राजद ने हाल ही में जनता दल यूनाईटेड (JDU) छोड़कर उनकी पार्टी में आई रूपौली की पांच बार से विधायक बीमा भारती को पूर्णिया से उम्मीदवार बनाया है। पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं मिलने से नाराज पप्पू यादव अब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पूर्णिया से महिला प्रत्याशी बीमा भारती को उतारकर यहां के मतदाताओं को एक चैलेंज दे डाला। क्या पूर्णिया की जनता फिर किसी महिला को लोकसभा भेज आधी आबादी का सम्मान करने जा रही है? राजद सुप्रीमो ने बीमा भारती को उतारकर आधी आबादी का प्रतिनिधित्व भी कर डाला है।
पिछले कुछ चुनावों पर यदि नजर डालें तो पूर्णिया लोकसभा सीट अब राजग का का गढ़ है। वर्ष 2004 और 2009 में इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा तो पिछले 10 साल से जदयू के संतोष कुशवाहा पूर्णिया से जीत दर्ज कर रहे हैं। इस बार भी राजग के के घटक दल जदयू ने संतोष कुशवाहा पर ही दांव लगाया है। पूर्णिया सीट से तीन बार सांसद रह चुके पप्पू यादव भी निर्दलीय ही सही चुनावी रण में कूद चुके हैं। इलाके के आम लोगों की बात करें तो मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, हां एक बात सब स्वीकार कर रहे हैं कि पप्पू यादव को यहां से खारिज करना राजग और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए मुश्किल होगा।