WJAI संवाद: ओम प्रकाश अश्क ने दिया वेब पत्रकारों को भाषायी शुद्धता का मंत्र

Sunday, Mar 09, 2025-09:08 PM (IST)

पटना: वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (WJAI) के संवाद कार्यक्रम के चौथे एपिसोड में शनिवार को वरिष्ठ पत्रकार, पूर्व संपादक और WJAI के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क ने वेब पत्रकारों को भाषा की शुद्धता और कंटेंट की गुणवत्ता बनाए रखने का मंत्र दिया। उन्होंने 'डिजिटल मीडिया का भाषायी संस्कार' विषय पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि आज डिजिटल पत्रकारिता तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन भाषा और शुद्धता पर ध्यान न देने से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।

"भाषा की शुद्धता जरूरी, खबरों के प्रभाव का करें आकलन"

उन्होंने कहा कि पहले अखबार पढ़ने से भाषा में निखार आता था, लेकिन आज डिजिटल मीडिया ने अखबार और टीवी को पीछे छोड़ दिया है। अब खबरें मिनटों में लोगों तक पहुंच जाती हैं, लेकिन भाषा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है। उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि खबर प्रकाशित करने से पहले उसके प्रभाव का आकलन अवश्य करें।

PunjabKesari

"सबसे पहले की होड़ में भाषा न भूलें"

अश्क ने वेब पत्रकारों को आगाह किया कि 'सबसे पहले' की दौड़ में वे भाषा की शुद्धता न भूलें। उन्होंने कहा कि किसी भी खबर को जल्दबाजी में प्रकाशित करने से पहले खुद एक बार जरूर पढ़ें और संभव हो तो किसी अन्य व्यक्ति से भी समीक्षा करवाएं।

पहले मीडिया हाउस में भाषायी संपादक होते थे, लेकिन डिजिटल मीडिया में यह परंपरा खत्म हो रही है, जिससे गलतियों की संख्या बढ़ गई है।

"तेज नहीं, बेहतर बनें"

अश्क ने पत्रकारों को सलाह दी कि फास्ट नहीं, बेस्ट बनने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा,"आज लोग पढ़ते नहीं हैं, इसलिए उनकी भाषा कमजोर होती जा रही है। पढ़ने से न केवल भाषा सुधरेगी बल्कि कंटेंट भी प्रभावशाली बनेगा।" उन्होंने प्रेमचंद की किताबें पढ़ने की सलाह दी और कहा कि यदि खबर जल्दी प्रकाशित करनी हो, तो संक्षिप्त ब्रेकिंग न्यूज दें, लेकिन विस्तृत खबर को पूरी शुद्धता और गहराई से पेश करें।

WJAI संवाद में जुटे पत्रकारों ने लिया संकल्प

इस संवाद कार्यक्रम में WJAI के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. माधो सिंह, राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन सहित संगठन के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी व पत्रकार शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन अमित रंजन ने किया और अंत में डॉ. माधो सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static