फिल्म कॉन्क्लेव में भाग लेने पटना पहुंचे मनोज तिवारी, बोले- बिहार को अभी और बहुत कुछ मिलना बाकी
Friday, Oct 18, 2024-12:28 PM (IST)
पटना (अभिषेक कुमार सिंह): बिहार में फिल्म नीति को मंजूरी मिलने के बाद पहली बार फिल्म कॉन्क्लेव (Film Conclave) का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में भाग लेने फिल्म अभिनेता और सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) पटना पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बिहार को अभी और बहुत कुछ मिलना बाकी है। मेरा मानना है कि यह जो फिल्म संबंधी डिसीजन हुआ है यह बिहार के टूरिज्म को और बढ़ाएगा। सिनेमा उद्योग है और बिहार में इसकी बहुत संभावनाएं हैं। पूरी दुनिया नई-नई जगह को ढूंढ रही है फिल्मों के शूट के लिए।
मनोज तिवारी ने कहा कि नई-नई जगह के लिए वह सब कुछ बिहार के पास है तो आज हम लोगों की मीटिंग है हम भी उसी में आए हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि सरकार एक लंबे समय से कार्य कर रही थी। अब इसमें बड़ी योजना से आगे बढ़ेंगे। मीडिया के लोगों से भी हम प्राथना करेंगे कि हमारे बिहार को लोगों ने बदनाम ज्यादा कर दिया है। हमारी जितनी क्षमताएं हैं, हम लोगों की जो फिलॉसफी है उसको पूरी दुनिया फॉलो कर रही है। अभी मैं न्यू जर्सी गया था वहां इंडिया डे परेड था। वहां मेरे अलावा कई अभिनेता गए थे। हम लोग वहां 2 लाख लोगों के साथ इंडिया डे परेड किए। वहां जय हिंद के साथ जय बिहार नारा लग रहा था। हम बिहार के लोगों को अपनी क्षमता को और समझना है। सिनेमा उसमें बहुत बड़ी कड़ी है। उसको और आगे बढ़ाना है।
जहरीली शराबकांड पर मनोज तिवारी ने कही ये बात
बिहार में जहरीली शराब से मौत को लेकर मनोज तिवारी ने कहा कि मैं अभी फ्लाइट में दिल्ली से चल रहा था तो यह समाचार देखा। यह बहुत चिंता की बात है और अभी हम मीटिंग में भी सरकार के लोगों को बताएंगे। मेरा मानना है कि समय आ गया है कि हमें इसकी समीक्षा करनी चाहिए कि इसके विजन क्या है। अगर कोई नया स्टेप उठाना है तो सरकार को उठाना चाहिए। झारखंड और महाराष्ट्र के चुनाव पर मनोज तिवारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर और हरियाणा का मैं स्टार प्रचारक था हरियाणा में बहुत अच्छी विजय हुई है। कश्मीर में भी भाजपा के अच्छी स्थिति रही है। लेकिन सिंगल सबसे अधिक वोट शेयर लेने वाली पार्टी बीजेपी बनी है। जम्मू कश्मीर के विजय विहार के लोगों को भी देश के लोगों को भी पता चलना चाहिए। जो लोग कहते थे 370 हटने के बाद खून की नदियां बहती थी। अब वहां लोकतंत्र की गंगा बह रही है।