8th pay commission: पहले से लेकर 7वें वेतन आयोग तक कितनी बढ़ी थी सैलरी? एक क्लिक में पढ़ें पूरी डिटेल
Tuesday, Mar 04, 2025-01:34 PM (IST)

8th pay commission: केंद्र सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन को मंजूरी मिल गई है। इसके लागू होने से सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) की सैलरी (Salary) और पेंशनधारकों (Pensioners) की पेंशन में भारी इजाफा होगा। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी, यह पूरी तरह से फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) पर निर्भर करता है।
सूत्रों की मानें तो 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) 2.86 तय किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार 1.92 से 2.08 के बीच फिटमेंट फैक्टर को मंजूरी दे सकती है। हालांकि, कई एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर 2.86 को मंजूरी दे सकती है। वहीं फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में जितना इजाफा होगा उसी आधार पर बेसिक सैलरी (Basic Salary) में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, फिटमेंट फैक्टर (What is Fitment Factor) को तय करते समय सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखा जाता है। आइए इस खबर में जानते हैं पहले वेतन आयोग से लेकर 8वें वेतन आयोग तक सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हुई थी-
7वां वेतन आयोग (7th pay commission)
7वें वेतन आयोग में न्यूनतम सैलरी बढ़ाकर 18,000 रुपए महीना की गई थी। वहीं अधिकतम सैलरी 2,50,000 रुपये मंथली की गई।
ग्रेड वेतन प्रणाली के स्थान पर नए वेतन मैट्रिक्स की सिफारिश की गई। भत्ते और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
लाभार्थी - 1 करोड़ से अधिक (पेंशनर्स सहित)
छठा वेतन आयोग (6th pay commission)
छठे वेतन आयोग में न्यूनतम सैलरी 7,000 रुपए मंथली और अधिकतम सैलरी - 80,000 रुपये मंथली की गई।
वेतन बैंड और ग्रेड वेतन की शुरुआत की गई।
लाभार्थी - लगभग 60 लाख कर्मचारी
5वां वेतन आयोग (5th pay Commission)
5वें वेतन आयोग में मिनिममन सैलरी - 2,550 रुपये और अधिकतम सैलरी - 26,000 रुपये मंथली रखने की सिफारिश की गई।
वेतनमान की संख्या कम करने का सुझाव दिया गया।
लाभार्थी - लगभग 40 लाख कर्मचारी
चौथा वेतन आयोग (4th pay Commission)
चौथे वेतन आयोग में मिनिमम सैलरी - 750 रुपये मंथली और अधिकतम सैलरी - 8,000 रुपये मंथली सिफारिश की गई।
परफार्मेंस बेस्ड सैलरी स्ट्रक्चर की शुरुआत की गई।
लाभार्थी - 35 लाख से अधिक कर्मचारी
तीसरा वेतन आयोग (3rd pay Commission)
इसमें मिनिमम सैलरी - 185 रुपये मंथली और अधिकतम सैलरी - 3,500 रुपये मंथली रखी गई।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच वेतन समानता पर जोर दिया गया
लाभार्थी - लगभग 30 लाख कर्मचारी
दूसरा वेतन आयोग (2nd pay commission)
दूसरे वेतन आयोग में न्यूनतम सैलरी- 80 रुपये और अधिकतम सैलरी - 3000 रुपये मंथली की सिफारिश की गई।
'समाजवादी पैटर्न ऑफ सोसाइटी' की शुरुआत की गई
लाभार्थी - लगभग 25 लाख कर्मचारी
पहला वेतन आयोग (1st pay commission)
पहले वेतन आयोग में मिनिमम सैलरी - 55 रुपये मंथली और अधिकतम सैलरी -2,000 रुपये मंथली की गई।
भारत की स्वतंत्रता के बाद वेतन संरचना को युक्तिसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया
लाभार्थी: लगभग 15 लाख कर्मचारी
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