हेमंत सोरेन ने PGT शिक्षकों को सौंपा नियुक्ति पत्र, प्रभात तारा मैदान में CM ने विपक्ष को दी खुली चुनौती
Friday, Jul 12, 2024-06:22 PM (IST)

रांची: आज यानी 12 जुलाई को सीएम हेमंत सोरेन ने पीजीटी शिक्षकों को नियुक्त पत्र सौंपा। नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम रांची के धुर्वा स्थित प्रभात तारा मैदान में हुआ। नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सीएम हेमंत सोरेन ने पीजीटी (स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक) शिक्षकों को नियुक्ति पत्र का तोहफा दिया।
इस दौरान सीएम हेमंत ने कहा, "आप लोग काफी उम्मीदों के साथ लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। आखिरकार यह महत्वपूर्ण दिन आपके लिए और सरकार के लिए आ गया। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। वैसे तो हमने हजारों नियुक्ति दी है। 20 हजार से ज्यादा नियुक्ति हमने पहले ही दे दिया था। अलग-अलग आयोजनों के माध्यम से संगठित असंगठित क्षेत्रों में 60 हजार नियुक्ति दिया। हमने कई ऐसे नौजवानों को नियुक्ति पत्र दिया है जो आज विदेशों में अपना कर रहे हैं।" सीएम ने आगे कहा कि 2019 में हमारी सरकार बनी और कोरोना काल आ गया। फिर भी हम लोगों ने हार नहीं मानी। रात दिन हम लोग सजग रहे। उस वक्त भी झारखंड में हमने अफरा- तफरी नहीं होने दिया। हमारे इस राज्य ने पूरे देश को ऑक्सीजन दिया।
सीएम ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, "2 साल के बाद जीवन सामान्य हुआ तो हमारे विरोधियों ने अपनी हरकतें शुरू कर दी। अलग- अलग माध्यमों से मुझे आए दिन काम करने से रोकने का प्रयास हुआ, लेकिन हम रुके नहीं क्योंकि मुझे अपने लक्ष्य तक पहुंचना था, लेकिन हमारे विपक्ष इतने सुनियोजित ढंग से घात लगाकर षडयंत्र रचते हैं कि हम लोग जैसे झारखंडी लोग, आदिवासी लोग इनके षडयंत्र को कभी- कभी समझ पाने में पीछे हो जाते हैं। इसका नतीजा यह हुआ कि मुझे 5 महीने जेल में रहना पड़ा। हमें उनसे ना कभी डर लगा था ना कभी लगेगा। हम अपने काम को अंजाम तक कैसे पहुंचाना है ये भी जानते हैं और इनसे लोहा लेना भी जानते हैं।"
सीएम ने आगे कहा, "आज हमारे विपक्ष के सरकार देश में क्या व्यवस्था ला रही है। हर एक चीज निजीकरण की ओर जा रही है। चाणक्य ने कहा था जिस देश का राजा व्यापारी होगा उस देश की प्रजा हमेशा भिखारी होगी। आज देश की स्थिति वही है। मैं चुनौती देता हूं कि इसी प्रभात तारा मैदान में हमसे डिबेट कर ले कि इन लोगों ने इतने वर्षों में क्या किया है। और हमने इन चुनौती भरे पांच साल में क्या किया है। हम हिसाब देने के लिए तैयार हैं। इतने बड़े- बड़े षड्यंत्र रचने के बाद आखिरकार न्यायालय का जो आदेश आया है उससे उनको मुंह की खानी पड़ी, लेकिन ये अब भी शांत नहीं है। इनके आचरण में ही नहीं है। हम भी अपने आचरणों