Tarari By Elections: तरारी में हैट्रिक लगाने की फिराक में भाकपा-माले, जीतने के लिए पूरा जोर लगा रही भाजपा
Saturday, Nov 09, 2024-02:44 PM (IST)
Bihar By Elections: बिहार विधानसभा उपचुनाव (Bihar By Elections) में तरारी विधानसभा क्षेत्र में जहां भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) हैट्रिक लगाने की फिराक में है वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्व बाहुबली विधायक नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडे के पुत्र विशाल प्रशांत अपनी सियासी पारी का आगाज कर रहे हैं।
तरारी विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को होंगे उपचुनाव
तरारी विधानसभा से दो बार के विधायक रहे सुदामा प्रसाद लोकसभा चुनाव 2024 में आरा से जीत हासिल कर सांसद बन गए हैं। प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुए तरारी विधानसभा क्षेत्र में 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। महागठबंधन के घटक दल भाकपा-माले ने तरारी विधानसभा सीट से राजू यादव को प्रत्याशी बनाया है। तरारी विधानसभा सीट पर लगातार दो बार 2015 और 2020 के चुनाव में भाकपा माले के सुदामा प्रसाद ने जीत का परचम लहराया है। भाकपा माले प्रत्याशी राजू यादव के कंधे पर तरारी सीट को जीतने की चुनौती है। भाकपा माले यहां हैट्रिक लगाने की फिराक में है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी विशाल प्रशांत यहां अपने पिता नरेन्द्र कुमार पांडेय की राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने के साथ ही जीत के इरादे से जोर-आजमाइश में लगे हैं।
किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करना चाहती है भाजपा
इस बार के चुनाव में भाजपा तरारी सीट पर किसी भी कीमत पर जीत दर्ज करना चाहती है, इसलिए उसने इस बार वर्ष 2020 वाली गलती नहीं दोहराई है। नरेन्द्र कुमार पांडेय भाजपा से नाराज चल रहे थे और वर्ष 2020 में भाजपा छोड़ने के बाद लोजपा के पारस गुट में शामिल हो गए थे। भाजपा ने नरेन्द्र कुमार पांडेय को मनाया और पार्टी में शामिल कराया। हालांकि, टिकट उनके पुत्र विशाल प्रशांत को दिया गया है। भाकपा-माले इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने की भरपूर कोशिश कर रही है। पार्टी ने यहां से राजू यादव को टिकट दिया है, जो पूर्व में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इस बार राजग एकजुट है। ऐसे में भाकपा-माले के लिए जीत बरकरार रखना आसान नहीं होगा।
भाजपा और भाकपा माले के बीच मुख्य मुकाबला
बिहार विधानसभा उपचुनाव 2024 में तरारी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा, भाकपा माले, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनसुराज पार्टी, चार निर्दलीय समेत 10 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और भाकपा माले के बीच माना जा रहा है। इस मुकाबले को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज दिलचस्प बना सकती है। जनसुराज ने किरण सिंह को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। उनकी पृष्ठभूमि गैर-राजनीतिक रही है। उनकी पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता की है। भाजपा एवं भाकपा-माले इस सीट से जीत हासिल करने के लिए एड़ी-चोटी का प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद तरारी सीट पर तीन बार विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिनमें से एक बार जदयू और दो बार भाकपा-माले की जीत हुई है।