Jharkhand में ठंड का कहर जारी, Heart Attack व ब्रेन स्ट्रोक से बचना है तो बरतें ये सावधानियां; 50 साल से अधिक उम्र के लोग जरूर पढ़ें ये खबर
Thursday, Nov 27, 2025-02:28 PM (IST)
Jharkhand Weather: झारखंड में ठंड का कहर जारी है। दिन-प्रतिदिन ठंड में इजाफा देखा जा रहा है। सुबह-शाम कोहरा और कनकनी से लोगों का हाल बेहाल हो गया है। वहीं, ठंड में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ठंड से बचाव करना ही सही है।
ठंड में हार्ट अटैक का खतरा डेढ़ से दो गुना तक बढ़ जाता है
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कम तापमान में शरीर की रक्त वाहिकाएं (वेसेल) सिकुड़ने लगती हैं। इससे रक्तचाप अचानक बढ़ जाता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। सामान्य मौसम की तुलना में ठंड के दिनों में हार्ट अटैक का खतरा डेढ़ से दो गुना तक बढ़ जाता है। जमशेदपुर के अस्पतालों के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर से जनवरी के बीच कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। ठंड केवल हृदय रोग ही नहीं, बल्कि ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ा देती है। ठंड में खून गाढ़ा हो जाता है और उसका प्रवाह धीमा पड़ने लगता है। इससे मस्तिष्क की नसों में अवरोध या ब्लॉकेज बनने की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसे मामलों में समय पर उपचार न मिले तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
समय पर उपचार मिलना जरूरी है
चिकित्सकों के अनुसार ठंड का मौसम 50 वर्ष से अधिक आयु के लोग, हाई बीपी और डायबिटीज के मरीज, मोटापे से ग्रसित व्यक्ति के लिए अधिक जोखिम भरा है। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ व्यक्ति, पहले हार्ट रोग से पीड़ित व्यक्ति और धूम्रपान का सेवन करने वाले लोगों को भी एहतियात बरतने की जरूरत है। यदि किसी व्यक्ति को सीने में दर्द, चक्कर, बोलने में परेशानी, शरीर में सुन्नपन, अचानक कमजोरी, तेज सिरदर्द या शरीर के एक हिस्से में ढीलापन महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। समय पर उपचार मिलना जरूरी है।
ऐसे बरतें सावधानियां?
सुबह घने कोहरे में बाहर निकलने से बचें, गर्म कपड़े पहनें और सिर, कान, हाथ-पैर को ढककर रखें, बीपी और डायबिटीज मरीज दवाएं नियमित रूप से लें, पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी जरूर पीएं, अत्यधिक ठंड में भारी व्यायाम करने से बचें, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें, कमरे के अंदर और बाहर के तापमान में अचानक बदलाव से बचें। इसके अलावा फल-सब्जियां, आवश्यक दवाइयां, ईंधन, बैटरी, चार्जर और इमरजेंसी लाइट आदि पहले से जुटा कर रखें, ताकि आपात स्थिति में किसी प्रकार की असुविधा न हो। सर्दी-खांसी, जुकाम या फ्लू चलने की स्थिति में तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता या चिकित्सक से संपर्क करें। अति आवश्यक स्थिति को छोड़कर बाहर निकलने से बचें और कोविड-19 व अन्य संक्रमणों से बचाव के लिए मास्क का उपयोग जारी रखें।

