Hajipur Lok Sabha Seat: हाजीपुर में पिता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे चिराग, इस बार नहीं गलेगी पशुपति पारस की दाल

4/4/2024 5:26:10 PM

Hajipur lok sabha seat: बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक हाजीपुर लोकसभा सीट है। यह वैशाली जिले का मुख्यालय तो है ही, ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। भारतीय रेल के पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी यहां है। गंगा और गंडक नदी इस इलाके से ही बहती हैं। इतना ही नहीं केले, आम और लीची के उत्पादन के लिए यह क्षेत्र पूरे भारत में मशहूर है। इस सीट पर पहली बार 1952 के चुनाव में कांग्रेस के राजेश्वर पटेल चुनाव जीते। इसके बाद 1957 और 1962 में भी राजेशवर पटेल ही चुनाव जीते। 

1967 में कांग्रेस के टिकट पर ही वाल्मीकि चौधरी सांसद चुने गए तो 1971 में भी कांग्रेस का ही कब्जा रहा और रामशेखर प्रसाद सिंह चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस की करारी हार हुई। परंपरागत सीट हाजीपुर को भी कांग्रेस नहीं बचा पाई और जनता पार्टी के टिकट पर रामविलास पासवान चुनाव जीते। इसके बाद 1980 में भी इस सीट पर रामविलास पासवान ने ही कब्जा जमाया। वहीं 1984 में कांग्रेस आई के टिकट पर राम रतन राम सांसद चुने गए। 1989 में एक बार फिर से रामविलास पासवान जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते तो 1991 में जनता दल के टिकट पर ही राम सुंदर दास चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 

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इसके बाद 2004 तक इस सीट से रामविलास पासवान लगातार सांसद रहे। 1996 और 1998 में जनता दल के टिकट पर तो 1999 में JDU और 2004 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर रामविलास पासवान जीतते रहे। 2009 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर राम सुंदर दास सांसद चुने गए तो 2014 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर फिर से रामविलास पासवान सांसद बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी से पशुपति कुमार पारस चुनाव जीते थे लेकिन सत्ता की लालच में आकर पशुपति कुमार पारस ने चिराग पासवान के अधिकार पर डाका डाल दिया। अब पशुपति पारस राजनीति में किनारे लगा दिए गए हैं। हाजीपुर से इस बार एलजेपी आर के टिकट पर खुद चिराग पासवान चुनाव लड़ रहे हैं। 

हाजीपुर लोकसभा के तहत आती हैं विधानसभा की 6 सीटें  

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गौरतलब है कि हाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें वैशाली जिले की हाजीपुर, महुआ, राजापाकर, जन्दाहा, महनार पातेपुर और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। 

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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2019 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल की थी। पारस ने 5 लाख 41 हजार 310 वोट हासिल किए थे। वहीं आरजेडी कैंडिडेट शिवचंद्र राम ने 3 लाख 35 हजार 861 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल किया था तो निर्दलीय कैंडिडेट राज कुमार पासवान ने 30 हजार 797 वोट लाकर तीसरा स्थान हासिल किया था। 

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 

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अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर एलजेपी के रामविलास पासवान ने 4 लाख 55 हजार 652 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं कांग्रेस के संजीव प्रसाद टोनी 2 लाख 30 हजार 152 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के राम सुंदर दास को 95 हजार 790 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे 

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साल 2009 की बात करें तो जेडीयू के राम सुंदर दास ने 2 लाख 46 हजार 715 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं एलजेपी के रामविलास पासवान 2 लाख 08 हजार 761 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के दसाई चौधरी को 21 हजार 585 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे 

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साल 2004 की बात करें तो एलजेपी के रामविलास पासवान ने 4 लाख 77 हजार 495 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं जेडीयू के छेदी पासवान 2 लाख 39 हजार 694 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बहुजन समाज पार्टी के चंदेश्वर दास को 16 हजार 146 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 

पासवान परिवार का गढ़ मानी जाती है हाजीपुर सीट 
हाजीपुर लोकसभा सीट पर 20 मई को चुनाव होना है। हाजीपुर सीट को पासवान परिवार का गढ़ माना जाता है। यहां से एक वक्त में रामविलास पासवान ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। इस बार पिता रामविलास पासवान की विरासत को हाजीपुर से चिराग पासवान आगे बढ़ाएंगे। ऐसे में पशुपति कुमार पारस का राजनीतिक भविष्य पर संकट मंडराने लगे हैं। हाजीपुर में चिराग पासवान की स्थिति काफी मजबूत है। इस इलाके में चिराग पासवान काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में उन्होंने अभी से लोकसभा चुनाव में बढ़त बना ली है। 


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Ramanjot

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