कुड़मी समाज के साथ 1931 से हुए अन्याय का हो समाधान: सुदेश महतो
Saturday, Sep 20, 2025-12:52 PM (IST)

रांची: कुड़मी समुदाय के सदस्य अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की अपनी मांग के समर्थन में झारखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर आज यानी शनिवार को अनिश्चितकालीन ‘रेल टेका' (रेल रोको) आंदोलन शुरू हो गया। वहीं, आजसू पार्टी प्रमुख एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने कुड़मी समुदाय द्वारा झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में आहूत रेल टेका, डहर छेका आंदोलन को लेकर एक्स और फेसबुक पर आज कविता के रूप में एक भावपूर्ण पोस्ट किया है।
महतो ने कहा है कि झारखंड आंदोलन और राज्य निर्माण में कुड़मी समुदाय ने सबसे ज्यादा बलिदान दिया है, इसलिए उसका स्वाभिमान और सम्मान बचना चाहिए। विदित हो कि आजसू पार्टी ने कल ही कुड़मी समुदाय केयू आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की थी और इसके सांसद-विधायक समेत वरिष्ठ नेताओं को आंदोलन की सफलता के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है।
महतो ने कहा कि कुड़मी समाज के साथ 1931 के बाद ऐतिहासिक अन्याय हुआ है जिसका समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इससे न तो किसी की हकमारी होगी और ना ही नुकसान होगा। किसी भी समुदाय के साथ सामाजिक अन्याय हुआ है तो उन सबका साथ साथ समाधान हो। महतो द्वारा पोस्ट की गई पंक्तियां इस प्रकार हैं - झारखंड निर्माण में दिया जिस समाज ने बड़ा बलिदान! बचे उसका स्वाभिमान, हो उसका सम्मान। कुड़मी समाज के साथ 1931 के बाद हुए अन्याय का हो शीघ्र समाधान। किसी को नुक़सान नहीं, किसी की हकमारी भी नहीं, सभी ऐतिहासिक सामाजिक अन्याय का हो साथ - साथ समाधान।