विधायक प्रतिनिधि ने अस्पताल के मैनेजर के साथ की मारपीट, डॉक्टरों ने काम किया बंद

6/22/2024 11:26:21 AM

गढ़वा: झारखंड में विधायक प्रतिनिधि लगातार किसी न किसी कारण से विभाग में उलझ जाते है और चर्चा में बने रहते है। गढ़वा सदर अस्पताल में भी एक ताजा मामला सामने आया जिसमें हंगामा और मारपीट की घटना सामने आई है। वहीं हंगामा भी देखने को मिल रहा है। सदर अस्पताल गढ़वा जिला का एक क्षेत्र बाहुल्य संख्या का एक अस्पताल है। अस्पताल में डिलीवरी कराने आई 2 गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए 5 घंटे तक महिला चिकित्सक का इंतजार करना पड़ा। इसकी जानकारी जब विधायक प्रतिनिधि स्वास्थ कंचन साहू को लगी तब वह सदर अस्पताल पहुंच कर इसकी जानकारी लेते हुए गढ़वा डीसी को फोन पर इसकी जानकारी दी जिसके बाद सिविल सर्जन के द्वारा महिला डॉक्टर को बुलाया गया और दोनों महिलाओं का डिलीवरी हुआ।

इस बीच सदर अस्पताल के मैनेजर को ज़ब विधायक प्रतिनिधि के द्वारा जब लिखित जानकारी मांगी गई तो वह देने में असमर्थता जताई जिसके बाद दोनों के बीच तू- तू, मैं- मैं शुरू हो गया। अस्पताल मैनेजर ने इसकी जानकारी डॉक्टर और कर्मियों को दी जिसके बाद अस्पताल के सभी कर्मीयों ने सदर अस्पताल में काम करना बंद कर दिया। विधायक प्रतिनिधि पर कर्मियों के साथ दूरव्यवहार करने एवं मारपीट का आरोप लगाते इसकी शिकायत डीसी गढ़वा शेखर जमुवार से की। स्वास्थ्य कर्मियों ने आरोपी पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्यवाई की मांग की है नहीं तो आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर, डीसी ने एसपी गढ़वा को फोन कर प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाई करने का निर्देश दे दिया है जिसके बाद अस्पताल के डॉक्टर, कर्मी माने और वापस सदर अस्पताल में काम पर लौट गए। वही अस्पताल मैनेजर संजय प्रजापति ने गढ़वा थाने में विधायक प्रतिनिधि के खिलाफ मामले को दर्ज करा दिया है जिसकी जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकता है। वहीं अस्पताल मैनेजर ने आरोप लगाया कि अस्पताल का जायजा ले रहे थे उसी बीच हमारे पास विधायक प्रतिनिधि आए और कहा कि डॉक्टर नहीं है तो इसका लिखित शिकायत डीसी को दीजिए मैनेजर ने जैसे ही कहा कि यह कार्य हमारे क्षेत्र से बाहर है। वैसे प्रतिनिधि ने मारपीट करना और गाली गलौज करते हुई कुछ उनके हाथों में सरकारी कागजात था वह फाड़ दिया। इसी बीच अस्पताल के कर्मी भी हंगामा सुनकर आए लेकिन कुछ स्वास्थ्य कर्मी को भी गाली गलौज करते हुए धमकी देते हुए भुगतने की चेतावनी तक दे दिया जिससे वह काफी डरे सहमे हुए है।

अस्पताल मैनेजर ने कहा कि अगर इस तरह से सदर अस्पताल में यह हाल रहेगा तो मरीज का इलाज कैसे होगा जिनकी देखभाल की जिम्मेवारी है वही मारपीट पर उतारू हो जाए तो इससे अस्पताल व्यवस्था पर सवाल उठना साथ ही प्रतिनिधि पर भी एक बड़ा सवाल पैदा करता है। वहीं, बता दें कि आखिर गढ़वा जिले का एक सदर अस्पताल ही है जो घनी आबादी का इलाज सदर अस्पताल पर ही निर्भर रहता है, लेकिन यह भी अस्पताल लगातार सुर्खियों में रहता है, लेकिन सब कुछ जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकता है कि आखिर गलती किसकी है। गढ़वा जिला प्रशासन के लिए भी एक चुनौती होगी कि गढ़वा जिला का स्वास्थ्य सुविधा सदर अस्पताल पर ही टिका हुआ है। अगर सदर अस्पताल का यह हाल रहेगा तो लोगों का इलाज कैसे होगा एक बड़ा सवाल पैदा करता है।


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Content Editor

Khushi

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