झारखंड में भारत बंद का मिला-जुला असर, सरकारी कार्यालय खुले तो निजी संस्थान रहे बंद

12/8/2020 1:50:54 PM

 

रांचीः नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के ‘भारत बंद' के आह्वान का झारखंड में आज मिला-जुला असर दिखा। यहां लगभग सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे, लेकिन निजी संस्थान एवं दुकानें आंशिक तौर पर बंद रहीं। राज्य में स्थानीय यातायात अधिकतर सामान्य है, लेकिन अंतरराज्यीय यातायात ठप है।

राज्य की राजधानी रांची, धनबाद, हजारीबाग, जमशेदपुर, पलामू, दुमका, बोकारो, साहिबगंज और पाकुड़ समेत सभी 24 जिलों में बंद का मिला-जुला असर दिखा और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। झारखंड के पुलिस महानिदेशक एमवी राव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों में स्थिति शांतिपूर्ण है और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। इस बीच, रांची में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के सभी कार्यालय सामान्य ढंग से खुले हैं लेकिन निजी संस्थानों, दुकानों तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर बंद का आंशिक असर है। झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने बंद का विरोध किया है, जबकि सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस एवं राजद के साथ वामपंथी दलों ने बंद का समर्थन किया है और रांची समेत अनेक शहरों में इसके समर्थन में प्रदर्शन किए।

झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को बयान जारी कर बंद का पूर्ण समर्थन किया था और कहा था कि किसानों की मांगें पूरी तरह उचित हैं और उनकी पार्टी इसका पूर्ण समर्थन करती है। इसी प्रकार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बंद का समर्थन करते हुए कहा कि किसानों के साथ केन्द्र की मोदी सरकार लगातार नाइंसाफी कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले भूमि अधिग्रहण कानून लाकर 2015 में किसानों को बदहाल करने की कोशिश की और अब कृषि कानून लाकर वह किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाना चाहती है। राजद और वामपंथी दलों ने भी केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी होने के आरोप लगाए और भारत बंद का समर्थन किया। दूसरी ओर, मुख्य विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री के बंद का समर्थन करने पर सवाल उठाया।


 


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Nitika

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