Lohardaga Vidhan Sabha: लोहरदगा सीट पर फंस गए हैं कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव।। vidhansabha seat 2024
Wednesday, Nov 06, 2024-03:37 PM (IST)
लोहरदगा: लोहरदगा विधानसभा सीट झारखंड की हॉट सीट मानी जाती है क्योंकि इसी सीट से कैबिनेट मंत्री रामेश्वर उरांव चुनाव लड़ रहे हैं। 2005 में कांग्रेस उम्मीदवार सुखदेव भगत ने जीत हासिल की थी।
वहीं 2009 और 2014 के चुनाव में आजसू उम्मीदवार कमल किशोर भगत ने विरोधियों को मात दे दिया था। हालांकि विधायक कमल किशोर के आकस्मिक निधन के बाद ये सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी। 2019 में इस सीट पर कांग्रेस के सीनियर लीडर रामेश्वर उरांव ने लोहरदगा सीट पर जीत हासिल की थी।
इस बार भी कांग्रेस ने रामेश्वर उरांव को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं आजसू और बीजेपी ने मिलकर नीरू शांति भगत की किस्मत पर भरोसा जताया है। इस बार बीजेपी और आजसू के मिलकर चुनाव लड़ने से रामेश्वर उरांव संकट में फंसते नजर आ रहे हैं।
एक नजर 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2019 के चुनाव में लोहरदगा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रामेश्वर उरांव ने जीत हासिल की थी। रामेश्वर उरांव 74 हजार तीन सौ 80 वोट लाकर पहले स्थान पर रहे थे तो बीजेपी कैंडिडेट सुखदेव भगत 44 हजार दो सौ तीस वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे। वहीं आजसू उम्मीदवार नीरू शांति भगत 39 हजार नौ सौ 16 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
एक नजर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
2014 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट पर आजसु के कमल किशोर भगत ने दूसरी बार जीत दर्ज की। उन्होने कांग्रेस के प्रत्याशी सुखदेव भगत को 592 वोट से हराया। आजसु के कमल किशोर भगत को 56 हज़ार 960 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के सुखदेव भगत को 56 हजार 328 वोट मिले जबकि तीसरे नंबर पर जेएमएम के सुखदेव उरांव रहे। उन्हें 13 हज़ार 510 वोट मिले।
विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट पर आजसु के कमल किशोर भगत ने पहली बार जीत दर्ज की। उन्होने कांग्रेस के प्रत्याशी सुखदेव भगत को 606 वोट से हराया। आजसु के कमल किशोर भगत को 35 हज़ार 816 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के सुखदेव भगत को 35 हजार 210 वोट मिले जबकि तीसरे नंबर पर बीजेपी के साधनु भगत रहे। उन्हें 28 हज़ार 949 वोट मिले।
2019 के चुनाव में लोहरदगा सीट पर आजसू और बीजेपी अलग अलग चुनाव लड़ रही थी। इसका सीधा फायदा तब कांग्रेस उम्मीदवार रामेश्वर उरांव को मिला था, लेकिन इस बार बीजेपी और आजसू की संयुक्त उम्मीदवार नीरू शांति भगत का दावा ज्यादा मजबूत लग रहा है क्योंकि 2019 के चुनाव में अगर बीजेपी और आजसू को मिले वोट को मिला दें तो वह कांग्रेस को मिले वोट से ज्यादा हो जाता है।