राज्यपाल रमेश बैस एवं केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने किया ग्रामीण उद्यमी दीक्षांत समारोह को संबोधित

10/14/2022 3:03:53 PM

 

रांचीः केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के दिशा निर्देश में संसदीय संकुल विकास परियोजना के अंतर्गत जनजातीय युवक युवतियों के कौशल विकास एवं उद्यमिता सशक्तिकरण के लिए पहल के अंतर्गत दूसरे चरण में 4 राज्यों के 165 सफल जनजातीय युवा ग्रामीण उद्यमियों को ट्रेनिंग पूर्ण करने पर प्रमाण-पत्र वितरण समारोह गुरुवार को रांची विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित किया गया।

इस भव्य दीक्षांत कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य के राज्यपाल रमेश बैस एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद समीर उरांव, एमएसडीई मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव बीएल संतोष, विकास भारती संस्था के सचिव अशोक भगत, के अलावा कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही। अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने कहा कि युवा विकास सोसायटी एवं सेवा भारती संस्थान ने राज्य के जनजातीय युवकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 अगस्त से ही गुमला केंद्र में प्रशिक्षित कर रहे हैं।

पलायन को रोकना भी इस कार्यक्रम का एक मुख्य उद्देश्य है ताकि युवा स्थानीय रूप में खुद के लिए रोजगार सृजित कर पाए। संसदीय संकुल परियोजना के तहत देश के कई राज्यों में परियोजनाएं चलाई जा रहीं हैं, और देश भर में 77000 परिवारों को इसके जरिए लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इसी के तहत हजारों परिवारों को किसान क्रेडिट काडर् व आयुष्मान स्वास्थ्य योजना से जोड़ा गया है। 15000 किसान परिवारों को लाभ देकर पलायन रोकने की दिशा में कार्य किया गया है। साथ ही अब यह भी देखा जा रहा है कि कई लोग शहरों की गंदगी, मारा मारी से परेशान होकर गांव की तरफ मुड़ रहे हैं और खेती में अपना भविष्य देख रहे हैं। जब पढ़े, लिखे प्रशिक्षित लोग गांव में जाएंगे, बिजनेस चलाएंगे तो गांव का विकास अपने आप हो जाएगा। मौके पर राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य ‘स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और गांवों से पलायन एवं आजीविका के अवसरों के लिए शहरों पर निर्भरता कम करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य स्थानीय स्तर पर रोजगार/स्वरोजगार और उद्यमशीलता के लिए नए अवसर पैदा करना है ताकि आदिवासी युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें, अपने लिए और दूसरों के लिए आजीविका के अधिक से अधिक अवसर पैदा कर सकें।
 


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Nitika

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