झारखंड के चिकित्सकों ने स्वीकारी बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली, 20 अगस्त से अटेंडेंस बहिष्कार के विरोध में थे डॉक्टर

Monday, Sep 02, 2024-02:27 PM (IST)

रांची: झारखंड के सरकारी चिकित्सकों ने अपनी 15 सूत्री मांगों को पूरा होने का आश्वासन मिलने के बाद ‘बायोमेट्रिक' हाजिरी प्रणाली सोमवार को स्वीकार कर ली। चिकित्सकों के एक संघ ने यह जानकारी दी।

संघ के अनुसार, चिकित्सकों ने ‘बायोमेट्रिक' प्रणाली के माध्यम से हाजिरी दर्ज करना सोमवार से शुरू कर दिया। झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की प्रदेश इकाई के तहत राज्य के सभी सरकारी चिकित्सकों ने 20 अगस्त से ‘बायोमेट्रिक' उपस्थिति प्रणाली का बहिष्कार किया और इसे आपातकालीन सेवाओं के लिए “अव्यवहारिक” बताया।

जेएचएसए के प्रदेश सचिव मृत्युंजय ठाकुर सिंह ने कहा, ‘‘सरकार ने हमारी 15 सूत्री मांगों पर सहमति दे दी है, इसलिए हमने अपना विरोध वापस ले लिया है और चिकित्सकों ने आज से ‘बायोमेट्रिक' प्रणाली पर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है।'' उन्होंने दावा किया कि सरकार इस बात पर सहमत हो गई है कि चिकित्सक ड्यूटी के दौरान केवल एक बार ‘बायोमेट्रिक्स' के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने यह भी आश्वासन दिया है कि बायोमेट्रिक हाजिरी को वेतन से नहीं जोड़ा जाएगा।''

गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने 11 अगस्त को अस्पतालों में सरकारी डॉक्टरों की बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद डॉक्टर इस व्यवस्था के विरोध में उतर आए। डॉक्टर 20 अगस्त से बायोमेट्रिक से हाजिरी की प्रणाली के विरोध में थे। डॉक्टरों ने बायोमेट्रिक प्रणाली को इमरजेंसी स्थिति में व्यवहारिक न होने की बात कही थी। इस दौरान डॉक्टरों ने अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचकर बायोमेट्रिक उपस्थिति न लगाकर रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए।
 


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Khushi

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