झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए लाइफ लाइन बना Day Care Center

Thursday, Feb 25, 2021-01:27 PM (IST)

रांचीः झारखंड में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए डे-केयर सेंटर लाइफ लाइन साबित हो रहा है। थैलेसीमिया जैसे रक्त संबंधी विकारों के इलाज के लिए राज्य सरकार ने यहां के सदर अस्पताल को सभी जरूरी संसाधनों से सुसज्जित किया है। यहां दवाओं के साथ रक्त भी नि:शुल्क प्रदान किया जाता हैं।

सिविल सर्जन (रांची) के अनुसार ये सुविधाएं मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए समर्पित इनडोर खेल का मैदान भी विकसित किया गया है। यह इनडोर प्ले कॉर्नर उन बच्चों के लिए एक सकारात्मक स्थान के रूप में कार्य करता है जो रक्त विकारों और अन्य बीमारियों के इलाज के लिए सदर अस्पताल आते हैं। वर्तमान में केंद्र 100 बेड की क्षमता के साथ सफलतापूर्वक चल रहा है। सरकार राज्यवासियों को विश्व स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कड़ियां जोड़ रही है। डे-केयर सेंटर का प्राथमिक उद्देश्य रक्त विकार से जुड़े रोगों से पीड़ित बच्चों को उचित उपचार प्रदान करना है।

केंद्र में बच्चों के अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के उपाय किए गए हैं। बच्चों के लिए आरामदायक कमरे, दीवारों पर सुंदर पेंटिंग, लुभावने बाल-सुलभ वॉलपेपर और टेलीविजन लगाए गए हैं। बच्चों को पौष्टिक भोजन, अनुकूल कमरे के साथ-साथ चाइल्ड-फ्रेंडली नर्स और डॉक्टर यूनिट में प्रतिनियुक्त किये गए हैं। हर यूनिट में प्रतिनियुक्त नर्सों को चाइल्ड-केयर का आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है। ये सभी रक्त विकार से पीड़ित बच्चों के लिए उनके अनुरूप माहौल बनाने में मदद करते हैं। उपचार के लिए केंद्र में आने वाले रोगियों को नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना भी दिया जाता है। केंद्र गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही झारखण्ड की आबादी के लिए जीवन रेखा के रूप में कार्य कर रहा है।

केंद्र प्रबंधक बताते हैं कि यहां इलाज के लिए राज्य भर से मरीज तो आते ही हैं, इसके अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से भी मरीज आ रहे हैं। थैलसीमिया से पीड़ति युवा जिशान की मृत्यु रांची पिछले वर्ष हो गई थी। जिशान 11 साल का भाई इरफान भी थैलेसीमिया से पीड़ित है। बच्चे के पिता साइकिल दुकान में काम करते हैं, उनकी आमदनी से बेटे का इलाज संभव नहीं। पिता किसी हाल में अपने बच्चे को खोना नहीं चाहते। पिता सरकार के प्रति शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनके बेटे का इलाज रांची सदर अस्पताल में संचालित डे-केयर सेंटर में हो रहा है।


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Content Writer

Diksha kanojia

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