विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम नीतीश ने किया पौधारोपण, गंगा पथ को मिलेगी हरियाली की सौगात
Thursday, Jun 05, 2025-06:22 PM (IST)

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जे०पी० गंगा पथ पर पौधारोपण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भ्रमण कर जे०पी० गंगा पथ के सौन्दर्गीकरण योजना का अवलोकन भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन से जे०पी० गंगा पथ की सुन्दरता के साथ-साथ हरित आवरण में बढ़ोत्तरी होगी।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी बिहारवासियों को शुभकामनाएँ हैं। हम हर वर्ष इस अवसर पर पौधारोपण करते हैं। पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण आवश्यक है ताकि जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम किया जा सके। भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जा रहा है। सभी लोग अपने-अपने परिसर एवं आसपास पौधारोपण कर स्वच्छ पर्यावरण हेतु अपना योगदान दें। मैं अनुरोध करता हूँ कि राज्य के सभी लोग कम से कम एक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग दें।
ज्ञातव्य है कि जे०पी० गंगा पथ के मीडियन एवं पथ के दोनों तरफ पाथवे पर लैण्डस्केपिंग, पौधारोपण एवं सौंदर्गीकरण का कार्य कराया जा रहा है जिस पर 13.51 करोड रूपये की लागत आयेगी। जे०पी० गंगा पथ सौन्दर्गीकरण कार्य में पथ के मीडियन लैंडस्केपिंग सड़क किनारे, 7 किलोमीटर लंबाई में मीडियन के दोनों तरफ घेरान का कार्य तथा 1 लाख से अधिक की संख्या में पौधारोपण कार्य शामिल है। वर्तमान में उक्त योजना पर कार्य तेजी से जारी है और अब तक 7 किलोमीटर लंबाई में मीडियन घेरान का कार्य पूर्ण हो गया है। 20,000 पौधों का रोपण एवं सौंदर्याकरण का कार्य किया जा चुका है। शेष कार्य तेजी से जारी है जिसे अगले दो माह में पूर्ण कर लिया जायेगा।
राज्य में हरित आवरण बढ़ाने के लिए 2012 में हरियाली मिशन की स्थापना कर 24 करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य के विरूद्ध वर्ष 2018-19 तक 22 करोड़ पौधे लगाये गये। जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने के लिए हमें जल एवं हरियाली की रक्षा करनी होगी तभी हमारा जीवन सुरक्षित हो सकेगा। इसी सोच के साथ वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। अब जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत पिछले अब तक 14 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं। बिहार के विभाजन के उपरान्त राज्य में हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत रह गया था, अब लगभग 15 प्रतिशत हो गया है। राज्य में हरित आवरण के बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत हैं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ० सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना प्रमंडल के आयुक्त डॉ० चन्द्रशेखर सिंह, जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम०, वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रभात कुमार गुप्ता सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।