बिहार में पहली बार एशिया रग्बी चैंपियनशिप 2025, सीएम नीतीश ने किया शुभंकर ''अशोक'' का अनावरण
Friday, Aug 01, 2025-08:15 PM (IST)

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1, अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में बिहार के राजगीर में पहली बार आयोजित होनेवाली 'एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025' के 'शुभंकर' एवं 'लोगो' का अनावरण किया।
अनावरण के पश्चात् मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि बिहार पहली बार 'एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025' का आयोजन कर रहा है। आज प्रतियोगिता के 'प्रतीक' एवं 'शुभंकर' का अनावरण किया गया है। उन्होंने कहा कि बिहार के खिलाड़ी रग्बी में निरंतर बेहतर प्रदर्शन करते हुए बहुत तेजी से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। रग्बी खेल बिहार में काफी लोकप्रिय है तथा इस खेल के आयोजन से युवाओं में अच्छा संदेश जायेगा। यह टूर्नामेंट न केवल बिहार की खेल संस्कृति को वैश्विक पटल पर ले जाएगा, बल्कि एशिया के रग्बी जगत में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।
ज्ञातव्य है कि बिहार पहली बार 'एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025' का आयोजन दिनांक 09 एवं 10 अगस्त, 2025 को राज्य खेल अकादमी-सह-बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर के परिसर में खेल विभाग, बिहार सरकार के द्वारा किया जा रहा है। राजगीर के इस खेल परिसर में राज्य सरकार ने कई प्रकार के खेलों के प्रशिक्षण एवं प्रतियोगिता आयोजन हेतु विश्व स्तरीय सुविधाएं विकसित की हैं। हाल में ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के अंतर्गत कई खेलों का आयोजन इस खेल परिसर में हुआ। इस प्रतियोगिता में भारत के साथ-साथ चीन, संयुक्त अरब अमीरात, हाँगकांग, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मलेशिया एवं नेपाल की टीमें यानी कुल 9 टीमें भाग ले रही हैं। सभी टीमें राजगीर में ही ठहरेंगी। इस खेल के आयोजन के लिए राज्य मंत्रिपरिषद् द्वारा दिनांक 19 मार्च, 2025 को 4.08 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है।
शुभंकर 'अशोक' का नाम सम्राट अशोक से प्रेरित है जो नेतृत्व, दूरदृष्टि और परिवर्तन का प्रतीक है। यह नाम केवल गौरवशाली इतिहास का स्मरण नहीं दिलाता बल्कि खेल की उन मूल भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो अनुशासन, साहस और संकल्प से जुड़ी हैं।
अशोक को एक खरगोश के रूप में तेज, सतर्क और फुर्तीला रूपांकित किया गया है। रग्बी जैसे तेज गति के खेल में यही गुण सबसे अहम होते हैं। खिलाड़ियों की चुस्ती और गति, खेल की रफ्तार और रणनीति की सटीकता का प्रतीक है। अशोक का कवच, शिरस्त्राण और ढाल उसकी तैयारी, आत्मबल और मानसिक दृढ़ता का प्रतीक हैं।
हाथ में पकड़ा रग्बी बॉल यह बताता है कि अब उसका युद्ध का मैदान खेल है जहां हर कदम पर साहस, दृढ़ता और रणनीति की जरूरत है। अशोक सिर्फ एक शुभंकर नहीं है। वह एक संदेश है कि बिहार अब केवल इतिहास में नहीं, खेल के भविष्य में भी नेतृत्व करेगा। वह युवाओं की ऊर्जा, बिहार की महत्वाकांक्षा और इस टूर्नामेंट की भावना का प्रतिनिधि है।
बिहार के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। पहली बार प्राचीन नगरी राजगीर में 'एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025' का भव्य आयोजन 9 और 10 अगस्त 2025 को होगा। इसमें 8 पुरुष और 8 महिला टीमें हिस्सा लेंगी, जिनमें भारत, हांगकांग, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, श्रीलंका, मलेशिया (केवल पुरुष) और नेपाल (केवल महिला) जैसे शीर्ष एशियाई देश शामिल हैं। 7 अगस्त से सभी टीमें राजगीर पहुंचेंगी, जहां बिहार की आतिथ्य परंपरा का अनुभव करेंगी।
8 अगस्त को राजगीर खेल परिसर के कबड्डी हॉल में आयोजित भव्य उद्घाटन समारोह इस आयोजन की शान बढ़ाएगा। सभी टीमें राजगीर में ही ठहरेंगी, जिससे स्थानीय संस्कृति और रग्बी का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। एशिया के 32 रग्बी खेलने वाले देशों में से केवल शीर्ष 8 रैंकिंग वाली टीमें ही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भाग लेती हैं, जो इसकी महत्ता को रेखांकित करता है।
बिहार के लिए यह आयोजन गर्व का विषय है, क्योंकि रग्बी राज्य की 14 प्राथमिकता वाले खेलों में शामिल है। भारतीय रग्बी टीम में बिहार के खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे। हाल ही में नेशनल गेम्स में बिहार की महिला टीम ने रजत पदक जीता, जबकि स्कूल गेम्स में बालक और बालिका टीमों ने जूनियर, सब जूनियर और सीनियर वर्गों में चौंपियनशिप हासिल कर रग्बी में बिहार का परचम लहराया। यह चैंपियनशिप बिहार के उभरते खिलाड़ियों को वैश्विक मंच प्रदान करेगी और रग्बी के प्रति युवाओं में उत्साह जगाएगी। राजगीर में होने वाला यह आयोजन बिहार की खेल यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो विश्व भर में राज्य की पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
राजगीर (बिहार) में आयोजित 'एशिया रग्बी (अंडर-20) चैंपियनशिप-2025' का यह 'लोगो' BIHAR राज्य की ऐतिहासिक विरासत, सांस्कृतिक विविधता और खेल संस्कृति का जीवंत प्रतीक है।
इस 'लोगो' में प्रयुक्त रंग नीला, हरा और मिट्टी का रंग, बिहार की प्रकृति, संस्कृति और जीवन ऊर्जा को व्यक्त करता हैं। आधुनिक रेखांकन शैली इसे समकालीन बनाते हैं, जबकि प्रतीकात्मकता इसे गहरायी देती है। यह डिज़ाइन सिर्फ एक पहचान नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा का रचनात्मक चित्रण है साथ ही परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को रग्बी इंडिया के अध्यक्ष राहुल बोस ने पुस्तक एवं प्रतीक चिह्न तथा रग्बी इंटरनेशनल एथलीट सुश्री आरती सिन्हा एवं श्री गौरव कुमार ने प्रतीक चिह्न भेंट किया।
कार्यक्रम के दौरान रग्बी इंडिया के अध्यक्ष राहुल बोस ने हाल के दिनों में रग्बी खेल में बिहार के प्रदर्शन की काफी सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुये कहा कि आपके नेतृत्व में बिहार ने खेल के क्षेत्र में भी काफी प्रगति की है। यहां खेलों के विकास के लिए बेहतर आधारभूत संरचना निर्माण कराया गया है। बिहार सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० बी० राजेंदर, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, खेल विभाग के निदेशक महेन्द्र कुमार, रग्बी इंडिया के अध्यक्ष राहुल बोस सहित खेल विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।