'ग्रीन बिहार' की दिशा में नीतीश सरकार का मास्टरप्लान, 30 लाख PNG कनेक्शन का लक्ष्य
Friday, Jul 18, 2025-06:00 PM (IST)

पटना:अब राज्य के सभी 38 जिलों के शहरी क्षेत्र में पाइपलाइन के जरिए प्राकृतिक गैस अर्थात पीएनजी की आपूर्ति रसोईघरों में की जाएगी। बिहार सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बिहार शहरी गैस वितरण नीति, 2025 को मंजूरी दे दी है। बिहार सरकार के खाद्य एवं उपभोक्ता विभाग ने बीते 15 जुलाई को इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस नीति को मंजूरी देने के बाद शहरी क्षेत्रों में अब पीएनजी घरेलू गैस कनेक्शन दिए जाएंगे।
इस नीति को मंजूरी मिलने से औद्योगिक, वाणिज्यिक, परिवहन और घरेलू उपयोग के लिए प्राकृतिक गैस मुहैया करवाना आसान होगा। इसके लिए शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। सभी 38 जिलों में छह शहरी गैस वितरण इकाईयों के माध्यम से करीब 30 लाख पीएनजी घरेलू गैस दिए जाएंगे। साथ ही, करीब 650 सीएनजी स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है।
शहरी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क के विस्तार के लिए संबंधित तेल कंपनियों एवं विभागों से विमर्श के बाद सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) नीति तैयार की गई है। राज्य सरकार की इस नीति से घरेलू एवं औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्राकृतिक गैस का वितरण आसान हो जाएगा। घरेलू इस्तेमाल के लिए पीएनजी और परिवहन क्षेत्र के लिए सीएनजी का उपयोग बढ़ाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
साथ ही, शहरी गैस वितरण नीति, 2025 के निर्धारण से राज्य में प्राकृतिक गैस को हरित और स्वच्छ ईंधन के रूप में अपनाने को बढ़ावा मिलेगा। वहीं औद्योगिक, वाणिज्यिक, परिवहन और घरेलू उद्देश्यों के लिए इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जा सकेगा। इस नीति से कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी जो कि देश की प्रतिबद्धता में भी योगदान निभाएगा।
भारत सरकार की तरफ से देश में इस्तेमाल की जा रही ऊर्जा में प्राकृतिक गैस की भागीदारी वर्ष 2030 तक 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पाने में बिहार सरकार की यह पहल काफी मददगार साबित होगी। प्राकृतिक गैस के रूप में सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी ) की आधारभूत संरचना का विस्तार ग्रामीण, शहरी एवं औद्योगिक क्षेत्रों तक विकसित किया जाना है। माना जा रहा है कि बिहार शहरी गैस वितरण नीति, 2025 को मंजूरी मिलने के बाद साफ सुथरी ऊर्जा के रूप में प्राकृतिक गैस के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा।