दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में उदय भारतम् पार्टी का शुभारंभ, सभी वर्गों के गणमान्य लोग हुए शामिल
Monday, Nov 18, 2024-04:21 PM (IST)
दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के जनपय स्थित अम्बेडकर इन्टरनेशनल सेन्टर में आज यानी सोमवार को उदय भारतम् पार्टी का शुभारंभ हुआ। इस शुभारंभ समारोह में दिल्ली एनसीआर के सभी वर्गों के गणमान्य लोग शामिल हुए। वहीं, इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि रिटायर्ड मेजर जनरल सुनील कुमार झा ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपने आशीर्वचनों से अभिभूत किया।
समारोह के पहले सत्र में पार्टी की राष्ट्रीय टीम और दिल्ली की टीम का परिचय और सम्बोधन हुआ। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष पाठक ने बतौर सलाहकार हमारी टीम का मार्गदर्शन किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद पालाडुगु और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष उदय सहाय ने पाटी के उद्देश्यों और दर्शन की प्रस्तुति की। उद्घाटन समारोह में मीडिया संवाद के साथ-साथ पार्टी के मुख्य उद्देश्यों पर तीन अलग-अलग सत्रों में पैनल-चर्चा का आयोजन किया गया। सभी सत्रों में हुई बातचीत का आशय निम्नलिखित बिंदुओं में समाहित है।
भारत में एक और पार्टी की जरूरत क्यों?
देश में कई राजनीतिक दल पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद ये सवाल स्वाभाविक रूप से लोगों के मन में उठ सकता है कि आखिर उदय भारतम् पार्टी की स्थापना की जरूरत क्यों पड़ी? उदय भारतम् पार्टी की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि देश में अभी तक जितनी भी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां हैं उनके नेताओं की नीयत केवल सत्ता का भोग करना है। इन राजनीतिक दलों के नेताओं की नीयत किसी भी प्रकार से सत्ता हासिल करना है न कि देश को विकसित करना। एक दस ने लगभग 70 सालों तक देश में राज किया लेकिन उनके नेताओं का एकमात्र उद्द्देश्य तुष्टीकरण और परिवारवाद को बढ़ावा देना रहा है। वहीं दूसरी का उद्देश्य सिर्फ धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण कर सहा हासिल करना रहा है। वहीं पिछले कुछ वर्षों पहले भारतीय जनमानस की भावनाओं की उद्वेलित कर एक पार्टी का जन्म हुआ और उनके नेताओं ने भी भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म करने का दावा किया था। वक्त बदलने के साथ इन नेताओं के कथनी और करनी में अंतर साफ दिखाई दे रहा है। भ्रष्टाचार खत्म करने का दावा करने वाले ऐसे नेता जेल की हवा तक खा चुके हैं। साथ ही मुफ्त की रेवडियों बांटकर इस पार्टी के कर्ताधर्ता जनता को पंगु बना रहे हैं।
वहीं उदय भारतम् पार्टी की विचारधारा का केंद्र बिंदु 'भारतम् है। उदय भारतम् पार्टी एक मध्यम मागीय विचारधारा के साथ देश को नई दिशा देने का संकल्प ले चुकी है। हजारों साल से अविरल धनते आ रहे भारत की सनातन संस्कृति ने इस महान सभ्यता को कई तरह के एरंडवतों से बया के रखा है, इसलिए हर भारतीय को अपनी सांस्कृतिक विरासत और विविधता पर गर्व है। उदय भारतम् पाटी किसी धर्म विशेष को नहीं मानता बल्कि हमारे मूल में सनातन (सनातन का मतलब पकृति से है और प्रकृति हीहमारा धर्म है) है। हम भारत भी वर्षों पुरानी सभ्यता से प्रेरणा लेकर मध्यम मार्गीय विचारों को समाहित कर आगे बढ़ रहे हैं। उदय भारतम् पार्टी के पास स्पष्ट विजन है कि सिर्फ मंत्र से बदलाव संभव नहीं है। किसी भी देश की मनोदशा के बदलाव के लिए उस देश के तंत्र को ठीक करने की जरूरत है। आज भारत में पहले से मौजूद किसी भी दल के पास वास्तविक बदलाव का विकल्प नहीं है इसलिए वे छोटे-मोटे बदलाव की बात करते पाए गए है। हमारी पार्टी तंत्र में संरचनात्मक बदलाव या सिसमिक परिवर्तन की बात करती है। इसके लिए हम अलग-अलग देशों से उन लोगों से परामर्श लेंगे जिन्होंने अपने-अपने देश के तंत्र में बदलाव के लिए काम किया है।
दूसरी पार्टियों से उदय भारतम् पार्टी अलग क्यों?
हमारी विचारधारा देश को एक समृद्ध और विकसित भारत बनाना है। हम अल्पकालिक बदलाव नहीं बल्कि पूर्ण संरचनात्मक और संगठनात्मक बदलाव की बात करते हैं। हमारी पार्टी पारदर्शिता के साथ कार्यपालिका और विधाविका का उत्तरदायित्व तय करेंगे। आजादी के बाद से ही देश की जनता भुखमरी, बेरोजगारी, अशिक्षा और असहायपन की स्थिति से गुजर रही है। उनको बेहतर भविष्य देना हमारी प्राथमिकता में है। इसके लिए देशवासी ही नहीं बल्कि अप्रवासी भारतीय भी चिंतित है और उनके भविष्य के लिए कुछ करना चाहते हैं। इन्हीं समस्याओं ने उनकी अंतरात्मा को झकझोरा और राजनीति में आने को प्रेरित किया। यही हमारा धर्म है।
भारत की वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति पर विचार की अस्पत
*जाति, मजहब, क्षेत्र, परिवारवाद और भाषा के नाम पर लोगों को बांट कर आज राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों के नेता तो सता का आनंद उठा रहे हैं, लेकिन इससे आम आदमी के जीवन में कोई मूलभूत बदलाव नहीं आ रहा है। उदय भारतम् पार्टी आम आदमी के जीवन में मूलभूत बदलाव लाना चाहती है, क्योंकि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की हालत जब तक नहीं बदलेगी तब तक देश की सूरत भी नहीं बदलेगी।
*21वीं सदी में भारत को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हमारे नागरिकों को एक ऐसी राजनीतिक पार्टी की जरूरत है, जो बदलते विश्व की सच्चाईयों के आधार पर राष्ट्र की नीति तय कर सके।
* दुनिया में बहुत तेजी से तकनीकी बदलाव आ रहा है लेकिन हमारे देश के नागरिक इन बदलावों के सामाजिक-आर्थिक परिणामों से पूरी तरह से बेखबर है। मुख्यधारा के राजनीतिक दल आम लोगों को बदलते तकनीकी दौर के खतरों से परिचित ही नहीं करवा रहे हैं। वर्तमान में राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोगों को केवल वोट देने की मशीन मान लिया है। कभी पैसे के नाम पर तो कभी नशे के नाम पर तो कभी मुफ्त खोरी का लालच दिखा कर लोगों से उनका सबसे बड़ा सोकतारिक अधिकार ही छीन लिया गया है। उदय भारतम् पार्टी तकनीकी बदलावों से आने वाले परिवर्तनों को ध्यान में रखकर गीतियां बनाने के लिए तैयार है।