Bihar Politics....पथ-पुल निर्माण में गुणवत्ता एवं समयसीमा से कोई समझौता नहीं करेगी सरकार: विजय कुमार सिन्हा
Tuesday, Sep 24, 2024-12:38 PM (IST)
पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बख्तियारपुर-ताजपुर परियोजना के चैनेज- 20+822 नंदिनी लगुनिया पर निर्माणाधीन रेलवे पुल का एक गर्डर बियरिंग (Girder Bearing) गिरने का जो मामला संज्ञान में आया है, वह किसी तकनीकी खामी की वजह से नहीं बल्कि बियरिंग बदलने की आरंभिक प्रक्रिया के दौरान गिरा है।
सिन्हा ने कहा कि यह परियोजना 2011 में प्रारंभ हुई लेकिन परियोजना पर संवेदक द्वारा धीमी गति से काम करने तथा अन्य कारणों की वजह से एकरारनामा को 2020 में ही रद्द कर दिया गया था। आगे चलकर राज्य सरकार की पहल पर दिनांक 10.01.2023 पूरक एकरारनामा सम्पादित कर निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ किया गया था। संदर्भित रेलवे उपरी पुल का गर्डर एकरारनामा रद्द होने के पूर्व ही कास्ट कर डाले (Erect) कर दिए गए थे, लेकिन डेक स्लैब (Deck Slab) कास्ट नहीं हो पाने के कारण खुले वातावरण के प्रभाव से बियरिंग में जंग लगने की बात कंडीशन सर्वे के दौरान संज्ञान में आई थी। विगत दिनों जंग से प्रभावित बियरिंग को बदलने की प्रारंभिक कार्रवाई संवेदक द्वारा की जा रही थी, जिसके कारण दाहिने ओर का एक गर्डर उलट गया।
'यह पुल/स्पैन गिरने का मामला है ही नहीं...'
उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दरअसल यह पुल/स्पैन गिरने का मामला है ही नहीं , बल्कि केवल बियरिंग बदलाव के क्रम एक गर्डर के गिरने का मामला है। जिसमें न जान-माल की कोई क्षति हुई है और चूंकि गर्डर बियरिंग में बदलाव का आर्थिक व्यय भी संवेदक द्वारा ही किया जा रहा है लिहाजा सरकार पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार भी नहीं होने जा रहा है। घटना के तुरंत बाद बीएसआरडीसी (BSRDC) के शीर्षस्थ पदाधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण भी किया गया। जो यह बताता है सरकार ससमय गुणवत्तापूर्ण पथ निर्माण सुनिश्चित करने के लिए कितनी तत्पर है। हम छोटी से छोटी घटनाओं को पूरी गंभीरता से लेते हुए त्वरित संज्ञान लेते हैं।
'चोर मचाए शोर' कहावत को चरितार्थ कर रहे तेजस्वी'
विजय कुमार सिन्हा ने कहा लेकिन सरकार को एक्शन में दिखकर चंद लोगों के कलेजे पर सांप लोट रहा है। हमारे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी जी तो अपनी अकुलाहट को रोक नहीं पाए और 'ट्विटर एक्टिविज्म' में जुट गए। बिना किसी ठोस जानकारी के झूठी अफवाह फैलाना शुरू कर दिया। गलत तथ्य के साथ आधारहीन आरोप लगाने से पूर्व उन्हें पता करना चाहिए था कि वास्तविक स्थिति क्या है और 2020 में जो एकरारनामा रद्द हुआ था उसे कब फिर से बहाल किया गया? और उस समय विभागीय मंत्री कौन था? आज उन्हें जो अनियमितता दिख रही है सत्ता सुख लेते समय कभी उसकी सुध क्यों नहीं ली? आज जिस प्रकार वे आंदोलित हो रहे हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि 'चोर मचाए शोर'।